चित्रकूट के इस मोहल्ले में बसी हैं भगवान राम की यादें
चित्रकूट के नाम से ईश्वर राम और तुलसीदास सब स्मरण हो आते हैं। चित्रकूट के घाट पर संतों की भीड़ वाला दोहा तो हम सबको याद है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के एक मोहल्ले की। ये मोहल्ला बहुत खास है और ईश्वर राम की याद दिलाता है। लोग कहते हैं यहां एक अजब सी शक्ति महसूस होती है।
हर शहर में भिन्न-भिन्न मोहल्ले के बारे में आपने तो खूब सुना होगा और सभी मोहल्लों की अपनी एक भिन्न-भिन्न पहचान होती है। आज हम धर्म नगरी चित्रकूट में एक ऐसे मोहल्ले के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रभु श्री राम से जुड़ा हुआ है। इस मोहल्ले को लोग राम मोहल्ला के नाम से जानते है।
राम का मोहल्ला
हम बात कर रहे हैं धर्म नगरी चित्रकूट के कामतानाथ प्रमुख द्वारा के पास बने राम मोहल्ले की। इसको लोग राम मोहल्ले के नाम से जानते हैं। इसके पीछे रोचक कहानी है। कहते हैं प्रभु श्री राम वनवास काल के दौरान साढ़े ग्यारह साल चित्रकूट में रहे। लेकिन सबसे अधिक समय उन्होंने कामतानाथ प्रमुख द्वारा के पास ही व्यतीत किया था। यहीं वो अधिक समय रहे। ईश्वर श्री राम के वनवास से लौटने के दौरान लोग इसे राम मोहल्ले के नाम से जाने लगे थे। तब से राम मोहल्ले के नाम से स्थान फेमस हो गई और इसका नाम राम मोहल्ला पड़ गया।
श्री राम से जुड़ी है याद
इतिहासकार अनुज कहते हैं ईश्वर राम वनवास के दौरान अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में साढ़े ग्यारह साल रहे। ईश्वर कामतानाथ जो सभी इच्छा पूरी करते हैं। उसी कामदगिरी पर्वत के पास यह मोहल्ला है। उनका बोलना है जब ईश्वर श्री राम यहां से चले गए तब उनकी याद स्वरूप पूर्वजों ने इस मोहल्ले का नाम राम मोहल्ला रख दिया। आज भी इस मोहल्ले में ऐसी कई सारी शक्तियां महसूस होती हैं जो श्री राम से जुड़ी हैं। उनका बोलना चित्रकूट के लिए यह गर्व का विषय है कि चित्रकूट में मोहल्ले के नाम से श्री राम की याद जुड़ी है।