उत्तर प्रदेश

जिताऊ की तलाश में चेहरे की तलाश नहीं कर पा रही है समाजवादी पार्टी

संसदीय क्षेत्र से जिताऊ की तलाश में सपा चेहरे की तलाश नहीं कर पा रही है. जो भी चेहरा चर्चा में आता है, हाईकमान के पास उसकी कमजोरी सामने आ जाती है. हैट्रिक के लिए बीजेपी ने केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को फिर से मैदान में उतारा है.

उन्होंने साल 2019 के चुनाव में सपा, बीएसपी गठबंधन के प्रत्याशी सुखदेव वर्मा को 1.98 लाख मतों से पराजित किया था. समाजवादी पार्टी अभी तक पिछड़ी जाति में कुर्मी चेहरे पर ही निगाह टिकाए हुए है. टिकट की दौड़ में सबसे आगे चल रहे प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और पूर्व सांसद डा अशोक पटेल को उम्मीदवार बनाने में चल रही देरी से कई प्रश्न खड़े हो रहे हैं.

पार्टी के अंदर खाने में यह चर्चा है कि दावेदारों की रिपोर्ट से राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में नए चेहरे पर भी विचार किया जा रहा है. बीएसपी में ब्राह्मण में पूर्व विधायक आदित्य पांडेय और असलम शेरखान का नाम चर्चा में है.

पूर्व चेयरमैन सतीश वर्मा बीएसपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में हुए शामिल

बकेवर : लखना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन सतीश वर्मा गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ बीएसपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. समाजवादी पार्टी नेता जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम ने पूर्व चेयरमैन के आवास पर पहुंच कर उनकाे समाजवादी पार्टी में शामिल कराया.

बता दें पूर्व चेयरमैन सतीश वर्मा पूर्व समय में समाजवादी पार्टी में ही थे लेकिन नगर पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा उनको टिकट न दिए जाने से नाराज होकर वह बीएसपी में शामिल हो गए थे और उन्होंने बीएसपी प्रत्याशी के रूप में चेयरमैनी का चुनाव लड़ा था.

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