पीलीभीत में बाघ के हमले से किसान की मौत, बेटी ने नम आंखों से पूछा कि अब कौन करेगा विदा
उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में आदमखोर का आतंक अब आम बात होती जा रही है। नए वर्ष के पांचवे दिन ही खेत पर काम करने गया एक और किसान बाघ का निवाला बन गया है। बाघ के हमले में मारा गया किसान ही अपने घर में इकलौता कमाने वाला शख्स था। दो माह बाद किसान की बेटी की विवाह होनी है। ऐसे में बेटी का भी रो-रो कर बुरा हाल है। जिस गांव में कुछ समय बाद विवाह की शहनाई बजनी थी आज वहां परिजनों का विलाप सुनाई दे रहा है। जो भाई अब तक बहन की विवाह की तैयारियों में जुटे थे वे नम आंखों से पिता के आखिरी संस्कार की प्रबंध करने में जुटे हैं।
दरअसल, पूरा मुद्दा पीलीभीत जिले के माधोटांडा क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के पुरैनी दीपनगर गांव का 47 वर्षीय किसान स्वरूप सिंह अपने खेत पर काम करने गया था। खेत पर काम करने के दौरान अचानक जंगल से निकला एक बाघ स्वरूप सिंह पर हमलावर हो गया। धावा इतना खतरनाक था कि किसान की मौके पर ही मृत्यु हो गई। समाचार मिलते ही गुस्साए ग्रामीणों ने मृतशरीर को हाईवे पर रख कर प्रदर्शन करना प्रारम्भ कर दिया।
बाघ के हमले में मारे गए किसान के घर में पत्नी और 3 बच्चों वाला हंसता खेलता परिवार था। किसान स्वरूप सिंह की 18 वर्षीय बेटी संदीप कौर की मार्च के शुरुआती दिनों में विवाह होनी है। वहीं स्वरूप सिंह ही परिवार में अकेला कमाने वाला शख्स था। ऐसे में बेटी समेत पूरा परिवार सदमे में है। वहीं बेटी भी रो-रो कर सबसे यही प्रश्न कर रही है कि अब मुझे कौन विदा करेगा।
पिता पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक स्वरूप सिंह के पिता स्वर्ण सिंह पंजाब में रहते हैं। हाल ही में वे अपने बेटे-बहू और बच्चों से मिलने के लिए पीलीभीत आए थे। इसी दौरान उनके बेटे स्वरूप सिंह की बाघ के हमले में भयावह मृत्यु हो गई।