प्रख्यात साहित्यकार व गीतकार पं. हरिराम द्विवेदी हरि भइया पंचतत्व में हुए विलीन
प्रख्यात साहित्यकार और गीतकार पं। हरिराम द्विवेदी हरि भइया मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी आखिरी यात्रा में शहर के आम और खास सभी शामिल हुए और उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर उनका आखिरी संस्कार हुआ। पीएम ने भी उनको एक्स (ट्वीट) पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम ने बोला कि हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार पं। हरिराम द्विवेदी जी के मृत्यु से दुखी हूं। अंगनइया और जीवनदायिनी गंगा जैसे कविता संग्रहों और अपनी विभिन्न रचनाओं के साथ वे हमेशा हमारे जीवन में मौजूद रहेंगे। उन्हें उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
हरि भइया की शवयात्रा दोपहर को महमूरगंज स्थित उनके आवास से मणिकर्णिका घाट के लिए निकली। रथयात्रा चौराहे पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने उन्हें कंधा दिया। जैसे-जैसे उनकी शवयात्रा आगे बढ़ रही थी, रास्ते में जगह-जगह खड़े लोगों ने उन्हें नमन किया और नम आंखों से विदाई दी। मणिकर्णिका पहुंचने के बाद उनके बड़े पुत्र राजेश कुमार द्विवेदी ने मुखाग्नि दी। तब पूरा माहौल भावुक हो गया था।
अंतिम यात्रा में क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी डाक्टर सुभाषचंद्र यादव, डाक्टर रामसुधार सिंह, प्रो। सदानंद शाही, रामानंद तिवारी, बनारस बार के पूर्व महामंत्री रत्नेश पांडेय, डाक्टर अमलेश शुक्ल, बदरी विशाल, डाक्टर नागेश शांडिल्य, डाक्टर अपूर्व नारायण तिवारी, प्रतीक द्विवेदी, डाक्टर धर्मप्रकाश मिश्र, गायक राजेश तिवारी, राजेंद्र गुप्ता, सिद्धनाथ शर्मा, जयशंकर जय, प्रतीक मिश्रा, कन्हैया दुबे केडी, रामयश मिश्र, विंध्याचल पांडेय, गौरम अरोड़ा ‘सरस’, मृत्युंजय पांडेय, गीतकार रंजन मिश्र, आशीष द्विवेदी, पूणे अंकित पांडेय, अरुण द्विवेदी, अनुपम द्विवेदी पौत्र, अतुल द्विवेदी, श्रीश मिश्रा, नागेंद्र, संताष पांडेय, संजय पांडेय, विजयचंद्र त्रिपाठी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।