उत्तर प्रदेश

पीलीभीत से वाराणसी तक नदी के दोनों ओर 100 मीटर क्षेत्र को फ्लड प्लेन जोन किया गया घोषित

पीलीभीत: जिस गोमती नदी पर बने रिवर फ्रंट को लखनऊ की शान बोला जाता है वह लंबे अरसे से प्रदूषण और कब्ज़ा के चलते दम तोड़ती जा रही है लेकिन, अब शासन की ओर से एक जरूरी निर्णय लिया गया है इसके अनुसार पीलीभीत से वाराणसी तक नदी के दोनों ओर 100 मीटर क्षेत्र को फ्लड प्लेन जोन घोषित कर दिया गया है

जिले के माधोटांडा क्षेत्र में स्थित गोमती उद्गम स्थल से वाराणसी तक जाने वाली गोमती नदी में लगातार बढ़ रहे कब्ज़ा और प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण प्रेमियों द्वारा किए जा रहे कोशिश अब रंग ला रहे हैं दरअसल, गोमती नदी पीलीभीत से निकलकर वाराणसी के सैदपुर कैथी में जा कर गंगा नदी में मिलती है इस दौरान यह नदी तकरीबन 960 किमी का यात्रा तय करती है अपने इस सफ़र पर उद्गम स्थल से निकलते ही जगह-जगह गोमती नदी को कब्ज़ा और प्रदूषण का दंश झेलना पड़ता है

नियम में किया गया बदलाव
ऐसे में गोमती नदी स्वयं तो प्रदूषित हो ही रही है, क्योंकि इस नदी का गंगा में विलय होता है तो गंगा को भी प्रदूषित कर रही है ऐसे में लंबे अरसे से पर्यावरण प्रेमियों की ओर से कठोर नियम बनाने को लेकर पैरवी की जा रही थी जिसका असर अब देखने को मिला है हाल ही में गोमती नदी के दोनों ओर 100 मीटर के दायरे को फ्लड प्लेन जोन घोषित किया गया है बता दें कि पहले यह दायरा महज 50 मीटर ही था वहीं पहले से हो चुके कब्ज़ा पर भी कोई खास कार्रवाई नहीं की गई थी

ये होता है फ्लड प्लेन जोन
दरअसल, फ्लड प्लेन ज़ोन किसी भी नदी का वह दायरा होता है, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य, अतिक्रमण, व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधि और प्रदूषण की कारक गतिविधियों पर पूर्णतया प्रतिबंधित होता है वहीं इस दायरे पर पहले से उपस्थित कब्ज़ा आदि को भी हटाया जाएगा इस काम की जिम्मेदारी जिले के सिंचाई विभाग की होगी

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