उत्तर प्रदेश

राम मंदिर बनने के बाद इस समाज के लोग पहनेंगे पगड़ी और चमड़े के जूते

अयोध्या रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई… राजा श्रीराम के सूर्यवंश की यही प्रथा थी, जिसका उन्होंने सदा पालन किया और आज भी इस प्रथा पर सूर्यवंशी क्षत्रिय कायम हैं यह बात अयोध्या से ही साबित भी हो रही है, जहां के सूर्यवंशी क्षत्रियों ने 500 वर्ष पहले एक संकल्प लिया था और आज भी उनकी पीढ़ियां उस पर कायम हैं अब राम नगरी में प्रभु राम का मंदिर बनने के बाद उनका वह संकल्प भी पूरा हो जाएगा

लाखों बलिदानों और सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में प्रभु राम का दिव्य और भव्य मंदिर आकर ले रहा है मंदिर में रामलला जनवरी माह में विराजमान हो जाएंगे वैसे तो राम जन्मभूमि आंदोलन में हजारों लोगों ने अपने प्राणों की आहुतियां दी लेकिन इस संघर्ष में ईश्वर राम के वंशज माने जाने वाले सूर्यवंशी क्षत्रियों का भी अहम सहयोग रहा है कहा जाता है कि 500 वर्ष पहले उन्होंने एक संकल्प लिया था और प्रण किया था कि जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता, तब तक उनकी पीढ़ियां उस संकल्प का पालन करती रहेंगी

यहां के सूर्यवंशी क्षत्रियों ने लिया था ये प्रण
अयोध्या से 15 KM दूर स्थित सरायराशी गांव के सूर्यवंशी क्षत्रिय लाल साहब सिंह बताते हैं कि 500 साल पहले मुगल शासकों ने अयोध्या पर आक्रमण किया तब उस समय ईश्वर राम मर्यादा पुरुषोत्तम के मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद का आकार बनाया गया उस समय बाबा गजराज सिंह ने मुगलों के साथ लगातार लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दे डाली इस घटना के बाद यहां के सूर्यवंशी परिवारों ने संकल्प लिया कि ना हम छत्र लगाएंगे, ना ही सिर पर पगड़ी बंधेंगे और ना ही पैर में चमड़े का जूता धारण करेंगे सूर्यवंशी क्षत्रियों ने यह भी घोषणा की थी कि वह ईश्वर राम के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साथ ही साफा बांधकर रामलला का दर्शन करेंगे

क्षत्रिय अब पगड़ी और चमड़े के जूते पहनेंगे
आगे बताया, इस संकल्प का तात्पर्य यह था कि जब हमारे आराध्य ईश्वर राम ही अपने जगह से विमुख हो चुके हैं वह भी धूप, सर्दी, बरसात झेल रहे हैं तो हम लोग अच्छे महल और अच्छे पोशाक में कैसे रह सकते हैं बस उस समय हमारे पूर्वजों ने यह प्रतिज्ञा की थी कि जब तक राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण प्रारम्भ नहीं होता, तब तक हम लोग चमड़े का जूता और पगड़ी धारण नहीं करेंगे अब जनवरी 2024 में रामलला अपने भव्य महल में विराजमान होंगे तो हम सूर्यवंशी क्षत्रिय समाज के लोग हर्षोल्लास के साथ ईश्वर के दर्शन करेंगे तब हमारे पूर्वजों का संकल्प भी पूरा हो जाएगा और हम लोग सिर पर पगड़ी और पैर में चमड़े का जूता धारण करेंगे

गांवों में खुशियां मनाई जा रहीं
गीता प्रसाद सिंह बताते हैं कि जब से ईश्वर राम का मंदिर तोड़कर के मस्जिद का आकार बनाया गया था, तब से हमारे पूर्वजों का संकल्प था कि हम लोग अपने सिर पर पगड़ी नहीं धारण करेंगे जब मुगल आक्रांताओं ने हमारे ईश्वर के मंदिर को तोड़ दिया तब उसी दिन हमारे पूर्वजों ने अपनी पगड़ी उतार दी संकल्प लिया कि जब तक ईश्वर राम विराजमान नहीं हो जाएंगे, तब तक हम लोग साफा और पगड़ी नहीं धारण करेंगे अब अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर बन रहा है

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