उत्तर प्रदेश

नौकरी छोड़ने के बाद खुद का कारोबार किया शुरू, खूब हो रही कमाई

 जो लोग कभी भी हौसला नहीं हारते हैं और कामयाबी प्राप्त करने की तरफ अग्रसर रहते हैं कामयाबी उनके कदम जरूर चूमती है ऐसे लोग हर कठिन पार कर लेते हैं मेहनत और लगन की कुछ ऐसी ही कहानी है आसिफ की इन्होंने जॉब छोड़ने के बाद स्वयं का कारोबार प्रारम्भ किया और आज अनेकों लोगों  काे रोजगार दे रहे हैं

कमालगंज के राजेपुर सरायमेंदा गांव निवासी आसिफ बताते हैं कि वह योजगार की तलाश में जयपुर गए थे वहां पर धीरे-धीरे उन्होंने चप्पल बनाने का तरीका सीखा लगातार 20 वर्ष तक काम करके जब चप्पल बनाने में पारंगत हो गए, तो अपने घर फर्रुखाबाद लौट आए इसके बाद उन्होंने दस हजार रुपए की लागत से चप्पल बनाने का काम शुरु कर दिया जिससे वह इन दिनों अच्छी कमाई कर रहे हैं वहीं इस कार्य के जरिए घर के तीन लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं

किन जगहों पर करते हैं बिक्री

कम दर पर सुंदर और मजबूत होने के कारण ग्राहक और दुकानदार भी इनकी चप्पलों को हाथों हाथ खरीद लेते हैं यही कारण है कि अब यह अपने हाथों से विभिन्न प्रकार की फैंसी चप्पल को बनाकर बिक्री कर रहे हैं जिससे इनको महीने में पचास से साठ हजार रुपए की कमाई सरलता से हो जाती है रबड़ सीट, सितारे, गोटा और रॉ मैटेरियल कानपुर के बाजार से खरीदते हैं जिसमें एक चप्पल तैयार करने में 50 से 60 रुपए की लागत आती है वही यह बाजार में आमतौर पर 100 रुपए में बिक्री हो जाती है डिमांड बढ़ने से वह रोजाना सौ जोड़ी चप्पल तैयार रहे हैं

यह है कारोबार का तरीका

मशीनों के साथ ही चप्पलों को हाथों से भी तैयार किया जा सकता है इन्हें बनाने के लिए साइज के मुताबिक शीट को काटकर छेद किया जाता हैं फिर जोड़ने के बाद इन चप्पलों को प्रिंट किया जाता है इसके बाद इनके स्टेप को फिट किया जाता है सजावट के बाद तैयार हो जाने के बाद इन्हें पैक करके बाजार में बेचा जाता है वह इस व्यवसाय से कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं जो गरीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतर कदम है आने वाले दिनों में व्यवसाय को बढ़ाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर सकें

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