उत्तर प्रदेश

बरेली : पीडब्ल्यूडी पर बदायूं के एक ठेकेदार पर मेहरबान होने का लगा आरोप

बरेली : लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पर बदायूं के एक ठेकेदार पर मेहरबान होने का इल्जाम लगा है गैरकानूनी (नियम विरुद्ध) अनुभव प्रमाण पत्र जारी कराकर करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाने की बात सामने आई है मगर, अब यह मुद्दा उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट के कैबिनेट मंत्री और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी के सामने रखा गया है केसरिया हिंदू वाहिनी के जिलाध्यक्ष राकेश सक्सेना ने शिकायती पत्र में बदायूं की फर्म मैसर्स सतीश चन्द्र दीक्षित पर अनेक इल्जाम लगाए हैं उनका बोलना है कि सेतु, सड़क और भवन के लिए उससे सबंधित कार्य के अनुभव प्रमाण-पत्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) और कार्य करने का टेंडर मिलता है मगर, बरेली पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने सड़क का कार्य करने वाली फर्म को सेतु निर्माण में ए क्लास का रजिस्ट्रेशन नियम खिलाफ कर दिया इसके बाद अरिल नदी सेतु का दबंगई से टेंडर ले लिया यह कार्य 6 माह में पूरा होना था, लेकिन अनुभव न होने के कारण 2 साल में पूरा नहीं हुआ इस देरी से गवर्नमेंट का काफी धन खर्च हुआ और राहगीरों को आवागमन में परेशानी हुई मगर, लेट करने पर फर्म पर कोई आर्थिक दंड नहीं डाला गया और न ही चेतवानी दी गई अधबने सेतु निर्माण कार्य का नियम खिलाफ ढंग से अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत करा लिया इसके बाद गैरकानूनी रजिस्ट्रेशन और नियम खिलाफ अधूरे निर्माण कार्य के अनुभव प्रमाण पत्र से पीलीभीत जनपद के बोनी लघु सेतु निविदा समेत अनेक निविदाओं में कई बार प्रतिभाग (शामिल) किया

केसरिया हिंदू वाहिनी के जिलाध्यक्ष ने की शिकायत

इसकी कम्पलेन पर हेड क्वार्टर (मुख्यालय) के निर्देश पर पूर्व तीन मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) ने भिन्न-भिन्न जांच की तीनों की जांच में गुनेहगार मिलने पर आरोपी फर्म को 3 माह और 6 माह के लिए डिबार कर दिया गया था मगर, आरोपी फर्म संचालक ने विभाग को गुमराह कर दबंगई से दोबारा काम ले लिया इसमें चीफ इंजीनियर ने दोबारा कमी मिलने पर ब्लैक लिस्ट की चेतवानी दी इसके बाद भी शाहजहांपुर के एक निर्माण कार्य के टेंडर में 6 टी के 100 के बजाय 10 रुपए का स्टांप पेपर अपलोड किया यह कृत्य जानबूझकर किया गया आरोपी ने विभाग के साथ फर्जीवाड़ा कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाई इस मुद्दे में भी फर्म मेसर्स सतीश चंद्र दीक्षित को डिबार किया गया मगर, दो बार डिबार होने के बाद भी ठेकेदार पर विभागीय अधिकारी मेहरबान हैं जिसके चलते केसरिया हिंदू वाहिनी के जिलाध्यक्ष ने उक्त फर्म के गैरकानूनी अनुभव प्रमाण पत्रों से प्राप्त रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र वैध है अथवा नहीं? ऐसे रजिस्ट्रेशन से निविदा में प्रतिभाग करना वैध है अथवा नहीं ? जनहित में जांच कराकर उक्त फर्म के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की उनका इल्जाम है कि नियम खिलाफ ढंग से जारी प्रमाण पत्रों के माध्यम से आरोपी फर्म ने विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है इसके साथ ही अनेक टेंडर में गलत प्रमाण पत्र लगाकर बिल से भुगतान लिया ऐसी स्थिति में आरोपी फर्म के विरुद्ध कार्रवाई कर रिकवरी की मांग की इस मुद्दे में में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर का पक्ष जानने की प्रयास की मगर,उनका टेलीफोन न उठने के कारण पक्ष नहीं मिल सका

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ने भी की शिकायत

वहीं बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली लोकसभा के सांसद संतोष कुमार गंगवार और आंवला लोकसभा से सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने भी फर्म मेसर्स सतीश चंद्र दीक्षित क्रिया कलापों की कम्पलेन प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी से की इस कम्पलेन में भी आरोपी फर्म पर धांधली, बल जबरदस्ती के आधार पर गलत अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार से पंजीकरण कराया गया, जबकि यह प्रमाण पत्र सेतु कार्यों के योग्य नहीं था आरोपी फर्म ने बदायूं के मोहम्मदी के पास से गुजरने वाली आरिल नदी पर सेतु का लेटलतीफ कार्य किया मगर, केसरिया हिंदू वाहिनी की कम्पलेन के बाद प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी ने खारिज अनुभव प्रमाण पत्र और फर्म के विरुद्ध पूरे मुद्दे की जांच प्रारम्भ कर दी है हेड क्वार्टर के फरमान के बाद बरेली पीडब्लूडी के अफसरों में हड़कंप मचा है इस मुद्दे में आरोपी फर्म के विरुद्ध कार्रवाई न करने पर एक दो कर्मचारी पर गाज गिरने की आशा भी जताई जा रही है

 

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