मप्र के नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग से अयोध्या राम मंदिर में भोलेनाथ का बनाया जायेगा मंदिर
अयोध्या: अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर बन रहा है। सैकड़ो साल बाद बनने वाले इस भव्य मंदिर के जरिए पूरे हिंदुस्तान को एक सूत्र में पिरोया भी जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से मंदिर का निर्माण हो रहा है। तो महाराष्ट्र के लकड़ियों से राम मंदिर के लिए दरवाजे और खिड़कियां बनाई जा रही है। इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश के नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग से राम मंदिर में ईश्वर भोले का मंदिर भी बनाया जाएगा। यानी हिंदुस्तान के कोने-कोने से राम मंदिर में कुछ ना कुछ नजर आ रहा है।
मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से रथ पर सवार 4 फीट ऊंचा एक विशालकाय शिवलिंग धर्म नगरी अयोध्या लाया गया है। इस पवित्र शिवलिंग को राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में शिव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। हालांकि अयोध्या पहुंचे इस शिवलिंग पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने विधि विधान पूर्वक रुद्राभिषेक कर शिवलिंग को स्वीकार किया है ।
600 किलोग्राम से अधिक वजन
बताते चलें श्री राम जन्मभूमि तीर से क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के आग्रह पर ओंकारेश्वर से लगभग 600 किलोग्राम से अधिक वजन का शिवलिंग धर्म नगरी अयोध्या पहुंच गया है। राम मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा। चंपत राय ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बोला कि ओंकारेश्वर से विशेष रथ के माध्यम से सवा 4 फीट ऊंचा शिवलिंग अयोध्या पहुंचा, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर के शिव मंदिर में की जायेगी।
राम मंदिर में पंचदेव का मंदिर बनेगा
ओंकारेश्वर के अवधूत नर्मदानंद बापू बताते हैं की नर्मदा नदी से शिवलिंग को अयोध्या लाया गया है। सनातन संस्कृति में नर्मदा का हर कंकर ईश्वर शंकर के स्वरूप हैं। अयोध्या आकर यह शिवलिंग राम मंदिर में विराजमान होगा क्योंकि हिंदू सनातन धर्म संस्कृत में पंचदेव उपासना के अनुसार देवता के मध्य में रहते हैं। शायद ही वजह है कि राम मंदिर में पंचदेव का जो मंदिर बनेगा। उसमें प्रभु राम मध्य में और चारों दिशा में ईश्वर सूर्य, ईश्वर गणेश, मां जगदंबा और महादेव के मंदिर पर आए जाएंगे ।
48 इंच का शिवलिंग है
इधर शिवलिंग का निर्माण करने वाले कारीगर मिश्रीलाल शाह बताते हैं कि इस शिवलिंग का वजन 600 किलोग्राम से अधिक है। इस शिवलिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह पूरा मधु कलर का है। 48 इंची का शिवलिंग है। इस शिवलिंग में एक भी स्क्रैच नहीं है। जब यह सिला हमें नर्मदा के किनारे प्राप्त हुई तो देखकर ही ऐसा अनुभव हो गया था कि यह अद्भुत शिवलिंग राम मंदिर के लिए ही बना है। इतना ही नहीं संपूर्ण शिवलिंग का निर्माण 3 महीने में किया गया है।