अयोध्या में प्रतिष्ठित होने वाले बाल राम के लिए काशी रामरमापति बैंक से खिलौनों की…
यह धारणा अनादिकाल से चली आ रही है कि बच्चों को खिलौनों से प्रिय कुछ भी नहीं। यही बात मानव रूप में अवतार लेने वाले प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण के लिए भी लागू हुई। तभी तो हमारे धार्मिक साहित्य में कभी बालक राम के झुनझुने से खेलने का वर्णन मिलता है तो कहीं ‘मइया मैं तो चंद्र खिलौना लेइहों’ के रूप में कृष्ण की जिद सामने आती है। इसी धारणा में आस्था रखते हुए अयोध्या में प्रतिष्ठित होने वाले बाल राम के लिए काशी के रामरमापति बैंक से खिलौनों की खेप भेजी जाएगी।
काशी के 96 साल पुराने इस बैंक में रामलला बाल रूप मे हैं प्रतिष्ठित हैं। काशी का यह इकलौता दरबार है जहां राम को खिलौना चढ़ाया जाता है। ईश्वर राम के लिए काशी में तैयार की गई खिलौनों की खेप में गदा, तीर-धनुष, बाल हनुमान, झुनझुना, लकड़ी की बग्धी, बैंड पार्टी, मोटर गाड़ी, कुश्ती लड़ते और व्यायाम करते पहलवान, फलों और सब्जियों की अनुकृतियां आदि हैं। इनमें से ज्यादातर खिलौने राम रमापति बैंक प्रबंधन की ओर से जुटाए गए हैं। वहीं कुछ खिलौने राम नाम लिखने वाले खाताधारकों की ओर से अयोध्या के राम मंदिर में अर्पित करने के लिए दिए गए हैं। ईश्वर को मिश्री-माखन का भोग भी लगाया।
सवा लाख रामनाम प्रभु को करेंगे अर्पित
सवा लाख रामनाम अयोध्या राममंदिर में विराजमान होने वाले विग्रह को स्पर्श करा के राम नाम के इस बैंक के पारदर्शी लॉकर में रखने की भी योजना है। इस बैंक का संचालन मेहरोत्रा परिवार के लोग पांच पीढ़ी से करते आ रहे हैं। अब तक हिंदुस्तान ही नहीं सम्पूर्ण विश्व से लोग राम नाम लिख कर इस बैंक में जमा करते हैं। नवंबर 2023 तक 19अरब 42 करोड़ 97 लाख 78 हजार रामनाम इस बैंक में जमा हो चुके हैं।
आमंत्रण मिलने का है इंतजार
अपने आप में इस अनूठे बैंक के संचालक सुमित मेहरोत्रा बताते हैं कि यदि राममंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में जाने का आमंत्रण मिला तो लोकार्पण वाले दिन ही खिलौने राम लला को समर्पित किए जाएंगे। यदि आमंत्रण नहीं मिलता तो बैंक परिवार के सदस्य अपनी सुविधानुसार अयोध्या जाकर खिलौने अर्पित करेंगे। सुमित मेहरोत्रा ने कहा कि राम रमापति बैंक में राम नवमी के दिन एक तरफ रामनाम के खाताधारी भक्त ईश्वर को खिलौने चढ़ाते हैं तो दूसरी तरफ बैंक की ओर से बच्चों को खिलौनों का वितरण किया जाता है।