सीएम योगी ने श्रीरामलला के दर्शन को और उनकी सुरक्षा को लेकर कही ये बड़ी बात
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बोला कि अब अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं चलती हैं, बल्कि, दीपोत्सव होता है। आज की अयोध्या कर्फ्यू के दौर से नहीं गुजर रही है बल्कि राम नाम के संकीर्तन की गूंज से गुंजायमान हो रही है। उन्होंने आगे बोला कि अयोध्या में होमस्टे प्रारम्भ करने के लिए अब तक 1,000 लोगों ने आवेदन किया है। होमस्टे कार्यक्रम के साथ लोगों के जुड़ने से एक तरफ जहां मेहमान देवो भवः का रेट व्यक्त होगा, वहीं, दूसरी तरफ यह लोगों की आजीविका का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री योगी ने बोला कि नव्य अयोध्या में लोगों की श्रद्धा और विश्वास का भी सम्मान होगा। पर्यटकों को भी उनकी रुचि के अनुरूप वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। साथ ही उन्हें वहां की पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा को देखने समझने और जानने का अवसर भी प्राप्त होगा। 30 दिसंबर के बाद से भिन्न-भिन्न डेस्टिनेशन के लिए अयोध्या की कनेक्टिविटी बढ़ती जा रही है। 17 जनवरी को अयोध्या से हम एक नयी वायु सेवा प्रारंभ करने जा रहे हैं यानी अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए तैयार है। उन्होंने बोला कि अयोध्या को नए स्वरूप में प्रस्तुत करने का श्रेय पीएम मोदी को जाता है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से अयोध्या को बदलने में कामयाबी मिली है।
आसानी से प्राप्त होंगे श्रीरामलला के दर्शन- मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी ने बोला कि हिंदुस्तान में राम के बिना कोई काम नहीं होता। बच्चे का जन्म, वैवाहिक कार्यक्रम में रामायण का पाठ होता है। दिन की आरंभ राम नाम से होती है। सोते समय से भी राम का नाम लिया जाता है। परलोक सिधारने पर भी राम नाम का जाप होता है। उन्होंने बोला कि दुनिया में किसी पावन स्थल के लिए लोगों ने वीरगति दी होगी, ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने बोला कि श्रेष्ठ कुल में पैदा होने के बावजूद राम नाम से पीछा छुड़ाने वाले की मृत्यु पशु समान हुई। राम के नाम मात्र से लोगों की आजीविका चलती है। आज भी रामकथा से लोग जुड़े होते हैं। रामलीलाओं में पूरा गांव, पूरा शहर उमड़ पड़ता है। राम आजीविका देते हैं, जीवन देते हैं और मुक्ति भी देते हैं। उन्होंने बोला कि हमारी गवर्नमेंट 821 एकड़ लैंड एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया को मौजूद करा चुकी है। इसके दृष्टिगत हम सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। आज अयोध्या सिर्फ़ जनआस्था का केंद्र नहीं बल्कि लाखों लोगों के रोजगार का माध्यम बन रहा है। नयी अयोध्या में नाविक, टैक्सी चालक, ई-रिक्शा चालक समेत हर तबके के आदमी के लिए असीम संभावनाएं होंगी। अयोध्या को राष्ट्र की पहली सोलर सिटी बनाने की दिशा में हमारी गवर्नमेंट कदम आगे बढ़ा चुकी है। 200 इलेक्ट्रिक बसें अयोध्या सिटी के लिए मौजूद करवाई है। आने वाले समय में हम इसको 500 तक बढ़ाएंगे। उन्होंने बोला कि अयोध्या के सांस्कृतिक उन्नयन के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं। इसमें अयोध्या अध्ययन संस्थान जरूरी किरदार निभा रहा है। वेदों में वर्णित सप्तपुरियों में सबसे पहले अयोध्या की वंदना की गई है। अब अयोध्या अपने नाम के अनुरूप देखने को मिलेगी। लोगों को सरलता से श्रीरामलला के दर्शन प्राप्त होंगे।
वानर-भालू ही आज रामभक्त बनकर कर रहे रामकाज- भैया जी जोशी
वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के के वरिष्ठ संरक्षक सुरेश जोशी भैया जी ने बोला कि समाज में तब-तब जागरण हुआ है, जब-जब सामान्य आदमी बदलाव की चाह लेकर खड़ा हुआ। 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से स्वाधीनता आंदोलन को एक नयी दिशा इसलिए मिल सकी, क्योंकि उसमें सामान्य जन ने एक रेट के साथ सहभागिता की। श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को भी सामान्य जन ने ही खड़ा किया। राम ज्योति प्रज्ज्वलन हो या कि कारसेवा, भिन्न-भिन्न उपक्रमों से इतने लंबे समय तक आमजन ने आंदोलन को जागृत रखा। हर आदमी के अंतःकरण में रामज्योति जलती रही। उन्होंने बोला कि ईश्वर राम के जीवन को देखें तो उनका पूरा जीवन संघर्षमय दिखता है। प्रारंभ में विश्वामित्र जी लेकर गए, तो बाद में वनवास हुआ और फिर न चाहते हुए भी लंका पर आक्रमण करना पड़ा। उस समय उनके साथ वानर सेना थी और आज लगता है कि वही वानर-भालू पुनर्जन्म लेकर फिर राम काज के लिए प्रस्तुत हैं। राम के जीवनकाल में भी कुछ उनके खिलाफ थे, कुछ तटस्थ, आज भी कुछ वैसा ही है। आज 12 लाख रामभक्तों द्वारा रामलला के लिए वस्त्र तैयार करने का यह कोशिश भी रामकाज में गिलहरी सहयोग जैसा है। उन्होंने इसके लिए सभी को शुभकामना दी। उन्होंने बोला कि रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा से एक बार फिर रावण संस्कृति नष्ट होगी और रामराज्य की पुनर्स्थापना होगी।