उत्तर प्रदेश

सरयू के कहर से घरों पर मंडराया नदी में बह जाने का खतरा

बस्ती जिले में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचने से कटान का खतरा बढ़ गया है जिले में सरयू नदी की लंबाई 83 किलो मीटर है | कई जगहों पर जहां नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है वहीं कई जगहों पर बाढ़ का खतरा कम हो रहा है लेकिन जहां भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है वहां कटान का खतरा बढ़ गया है | कुदरहा ब्लॉक क्षेत्र भीतर बैडारी एहतमाली, मदरहवा, मईपुर सहित आधा दर्जन गावों में नदी का पानी तेजी से घट रहा है जिससे कटान भी तेजी से बढ़ रहा है

कटान के समय इतनी तेज आवाज होती है की ग्रामीणों का सो पाना भी मुश्किल हो जाता है साथ ही ग्रामीणों में हर समय भय भी बना रहता है की कब उनका घर कटान के साथ नदी में बह जाएइसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासी अपने अपने कीमती सामानों को घरों से निकाल कर बांध पर ले जा रहे हैं ताकि मकान बहने के साथ उनका सामान सुरक्षित रह सकें साथ ही किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई है पशुओं का चारा भी यहां के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी बन गई है बाढ़ का पानी घटने के साथ ही अब को जल जनित रोंगों का भय भी काफी तेजी से सताने लगा है जिस गति से पानी उतरेगा, उसी तेजी से संक्रमिक रोंगों के मुद्दे भी बढ़ने की संभावना है

कागजों पर सीमित है बाढ़ राहत
बाढ़ पीड़ित आनन्द कुमार ने कहा कि हम लोग का घर कटान में बहने वाला है घर से नदी मात्र 50 मीटर दूर ही रह गई है कब कोई बड़ी घटना हो जाए कह पाना कठिन है हम लोग हमेशा भय में जी रहे हैं प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता की बात तो की जाती है लेकिन ये सब केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है हमारी मांग है की हम लोगों को घर, चिकित्सीय सुविधा, पशुओं के लिए चारा, नाव आदि की प्रबंध की जाएस्थानीय ग्रामीण सहदेव प्रजापति ने कहा कि हम लोगों का खेत पहले ही कट चुका है और अब घर भी नदी के कटान में बहने वाला है यदि घर बच जाता तो हम लोग फिर से मेहनत मजूरी करके अपना जीवन यापन कर लेते लेकिन अब ऐसा लगता है की घर भी बचने वाला नहीं है

जिला प्रशासन ने कसी कमर
वहीं जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि बाढ़ खंड विभाग को निर्देशित कर सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षात्मक कार्य करवाया जा रहा है साथ ही जो पीड़ित भूमिहीन हो चूके हैं उनके लिए ज़मीन चिन्हित कर उनको पट्टे दिए जा रहे हैं साथ ही बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल टीम को भी लगाया गया है

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