उत्तर प्रदेश

यूपी के पिछले नौ वर्षों के दौरान 5.94 करोड़ लोग गरीबी रेखा से आए बाहर, रिपोर्ट में आया सामने

Poverty line: यूपी में पिछले नौ सालों के दौरान 5.94 करोड़ लोगों के बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने के साथ गरीबों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है यह निष्कर्ष नीति आयोग के डिस्कशन पेपर ‘ मल्‍टी डायमेंशनल पावर्टी इन इण्डिया सिन्‍स 2005-06’ की रिपोर्ट में सामने आया है

 राज्य गवर्नमेंट के अनुसार यूपी को वन ट्रिलियन $ अर्थव्यवस्था का राज्य बनाने के साथ ही प्रदेश में गरीबी के विरुद्ध किए जा रहे मुख्यमंत्री योगी के कोशिश असरकारी साबित हो रहे हैं यह रिपोर्ट प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी की प्रदेश में अंत्योदय के संकल्प के साथ करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर मुख्य धारा में शामिल करने की नियोजित कोशिशों का प्रतिफल है और यह नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर भी पेश कर रहा है

डबल इंजन की गवर्नमेंट में समाप्त हुआ लीकेज  

रिपोर्ट पर गौर करें तो यूपी में 2013-14 में जहां 42.59 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे निवास कर रहे थे, वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर 17.40 फीसदी पर आ गया इसके मुताबिक इन 9 सालों में यूपी के अंदर कुल मिलाकर 593.69 लाख (करीब 5.94 करोड़) लोग गरीबी रेखा से बाहर आए राज्य गवर्नमेंट का बोलना है कि यह निष्कर्ष डबल इंजन गवर्नमेंट के बीच समन्वय को दर्शाता है साल 2017 से पहले जहां केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय की कमी थी तो वहीं यूपी में योगी गवर्नमेंट बनने के बाद डबल इंजन गवर्नमेंट ने सभी लीकेज बंद कर दिए

भ्रष्टाचार पर प्रहार कर पाई सफलता

केंद्र की योजनाएं अहमियत के साथ प्रदेश में लागू की गईं उदाहरण के तौर पर पहले आवास की मांग ही नहीं की जाती थी, जबकि डबल इंजन की गवर्नमेंट ने साल 2017 से अब तक प्रदेश में लाखों स्त्रियों को उनके मकान का मालिक बनाया है जगह-जगह बेईमान और करप्ट लोग बैठे थे, उन्हें डबल इंजन गवर्नमेंट ने किनारे किया करप्शन पर प्रहार किया गया, जातिवाद और भेदभाव को समाप्त कर योजनाओं को आखिरी पायदान पर बैठे आदमी तक पहुंचाने का काम किया गया

युवाओं को दिए रोजगार

राज्य गवर्नमेंट के मुताबिक, युवाओं को रोजगार के साधन मौजूद कराने के निष्ठावान कोशिश किए गए, जिससे उत्तर प्रदेश विकास की प्रक्रिया के साथ तेजी से आगे बढ़ने में सफल रहा गरीब कल्याण की योजनाएं पूरे प्रदेश में कारगर ढंग से लागू हो रही हैं

बीमारू राज्य से बाहर आई अर्थव्यवस्था 

नीति आयोग के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यूपी बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आकर राष्ट्र की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है यूपी में प्रति आदमी आय दोगुनी हुई है उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन $ की इकॉनमी बनने की ओर अग्रसर है यह एक सामूहिक कोशिश से संभव हो रहा है आंकड़ों के हवाले से देखें तो, Covid-19 अंतरराष्ट्रीय महामारी के कारण बीते 2-3 साल पूरे विश्व और राष्ट्र में आर्थिक मंदी रही इसके बावजूद, प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ता के साथ अपनी ग्रोथ को बनाए रखने में सफल रहा यूपी की अर्थव्यवस्था राष्ट्र की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरी है तो रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में राष्ट्रीय फलक पर उत्तर प्रदेश को नयी पहचान मिली

सीएम योगी ने उपलब्धि पर जताई खुशी, की प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस उपलब्धि पर पीएम नरेंद्र मोदी की भूरि-भूरि प्रशंसा की है उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हिंदुस्तान ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है यह समावेशी विकास और परिवर्तनकारी आर्थिक सुधारों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है आपका हार्दिक आभार इसके साथ ही अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा कि यह कारगर शासन का एक उत्तम उदाहरण है बहुआयामी गरीबी उन्मूलन की दिशा में हिंदुस्तान की यात्रा में यूपी ने जरूरी किरदार निभाई है रणनीतिक पहल और नीतियों के साथ, उत्तर प्रदेश में 5.94 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का कार्य हुआ है, जिसने राष्ट्रीय उपलब्धि में जरूरी सहयोग दिया है यह पीएम मोदी जी के सशक्त और समृद्ध हिंदुस्तान के दृष्टिकोण से एकदम मेल खाता है ये ‘मोदी की गारंटी’ है, जिस पर पूरा राष्ट्र भरोसा करता है

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