इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर हुयी सुनवाई
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि टकराव को लेकर सुनवाई हुई। मथुरा जिला न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए ट्रांसफर किए गए 18 सिविल वादों में से 17 वादों की सुनवाई की गई। एक वाद में न्यायालय कमिश्नर भेजने और प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट के अनुसार वाद की पोषणीयता विरोध पर लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जस्टिस मयंक जैन ने बारी-बारी से मुकदमों की सुनवाई की। पक्षकारों की तरफ से अर्जियां और हलफनामे दाखिल किए गए। किसी ने पक्षकार बनाने तो किसी ने संशोधन अर्जी दी। न्यायालय ने विपक्षियों को सिविल वाद और अर्जियों पर उत्तर दाखिल करने का समय दिया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह टकराव मुद्दे में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी को पक्षकार बनाया गया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी 17 सिविल वादों में कौन-कौन पक्षकार मौजूद हुआ है, इसकी जानकारी ली और उनके वाद पर सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी से उत्तर दाखिल करने को बोला गया। हालांकि, बोला गया कि एक सिविल वाद जन्मभूमि से संबंधित नहीं है। गलती से मथुरा जिला न्यायालय से ट्रांसफर होकर आया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड सिविल वाद संख्या तीन, 17 और 18 में पक्षकार नहीं है। कुल 17 मामलों की सुनवाई की गई। पक्षकारों की ओर से हलफनामे दाखिल किए गए। अभी अभी सुनवाई को कोई तारीख तय नहीं है। आदेश आने के बाद स्थिति साफ होगी।
एक पक्षकार ने मंदिर का ऐतिहासिक और पौराणिक पक्ष रखते हुए बोला कि ईश्वर श्रीकृष्ण के पौत्र ने मथुरा मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर के लिए जमीन दान में मिली। इसलिए जमीन के स्वामित्व का कोई टकराव नहीं है। मंदिर तोड़कर शाही मस्जिद बनाने का टकराव है। राजस्व अभिलेखों में जमीन अभी भी कटरा केशव देव के धाम दर्ज है। न्यायालय ने तथ्य हलफनामे में दाखिल करने को बोला है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर मांग की गई कि श्रीराम जन्मभूमि की तर्ज पर मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि टकराव को लेकर मथुरा जिला न्यायालय में विचाराधीन सभी सिविल वादों की उच्च न्यायालय में सुनवाई की जाये। जिस पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने याचिका स्वीकार करते हुए मथुरा में विचाराधीन सभी वादों की सुनवाई उच्च न्यायालय में किए जाने का आदेश दिया और जिला न्यायधीश मथुरा को सभी मुकदमों को उच्च न्यायालय ट्रांसफर करने का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। उसके बाद सभी सिविल वादों की सुनवाई की जा रही है।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट, गोपाल गिरी महाराज, ईश्वर बाल श्रीकृष्ण विराजमान ठाकुर केशव देव जी महाराज,श्री ईश्वर श्रीकृष्ण लाला विराजमान, ठाकुर केशव देव दी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव मथुरा, ईश्वर श्रीबाल कृष्ण केशव देव विराजमान खेवट संख्या 255 सहित कुल 18 सिविल वादों की अयोध्या टकराव की तर्ज पर उच्च न्यायालय में सीधे सुनवाई की जा रही है।