पीलीभीत में इस वजह से नहीं लगेगा ऐतिहासिक गणेश चतुर्थी मेला
पीलीभीत: शहर के कुछ ही ऐसे प्रमुख मेले और नुमाइश हैं जो लंबे समय से आयोजित होते आ रहे हैं। लेकिन बीते कुछ समय से शहर के रामलीला मैदान में लगने वाला गणेश चतुर्थी मेला नहीं लग पा रहा है। इस मेले में पीलीभीत ही नहीं आसपास के अनेक इलाकों के लोग आया करते थे। मेला न लगने पर क्षेत्रीय लोग सोशल मीडिया पर निराशा जाहिर कर रहे हैं।
देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है। यदि पीलीभीत की बात करें तो यहां भी स्थान स्थान पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर पंडाल सजाए गए हैं। लेकिन पिछले कई दशकों से आयोजित होने वाला गणेश चतुर्थी मेला इस वर्ष भी नहीं लगेगा। दरअसल पीलीभीत शहर 1985 में पहली बार मीना कोठी बाजार में यह मेला लगाया गया।
1993 से रामलीला मैदान में लग रहा है मेला
इसके बाद कई वर्षों तक मीना कोठी बाजार में मेला आयोजित होता रहा, लेकिन सन 1992 में मेले में लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए इसे सन 1993 से रामलीला मैदान में लगाया जाने लगा। तब से यह मेला चला आ रहा था। इस मेले में पीलीभीत ही नहीं आस पड़ोस के अनेक इलाकों से लोग आते थे। वहीं यहां कई राज्यो के दुकानदार भी अपनी दुकानें सजाया करते थे।
ये है मेला न लगने की असल वजह
तकरीबन आयोजन के 10 वर्ष बाद पहली बार मेले के आयोजन को लेकर टकराव की स्थिति बनी। दरअसल सन 1995 में रामलीला मैदान मंदिर के महंत ने मेला आयोजन के लिए स्थान देने से मना कर दिया। जिसके बाद से ही टकराव गहराया हुए था। सन 2000 में मन्दिर मंहत पूरे मुद्दे को लेकर कोर्ट चले गए। वहीं सन 2022 में इस मुद्दे पर निचली न्यायालय और जिला कोर्ट ने मन्दिर महंत के पक्ष में निर्णय दिया था। जिसके बाद से ही शहर के इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा।