उत्तर प्रदेश

पीलीभीत के इन गांवों में मां बाप खुद ही बच्चों को स्कूल जाने से कर रहे है मना

पीलीभीत वैसे तो अक्सर आपने बच्चों को विद्यालय जाने के लिए स्वयं ही कुछ न कुछ बहाने बनाते हुए देखा होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के अनेक गांव ऐसे हैं जहां मां बाप स्वयं ही बच्चों को विद्यालय जाने से रोक रहे हैं उसकी वजह भी ऐसी है जो जान कर आप दंग रह जाएंगे

दरअसल, पीलीभीत जिले में बीते कई महीनों से बाघों का आतंक जारी है भिन्न-भिन्न इलाकों में बाघों के चलते ग्रामीणों की रोजमर्रा की जीवन अस्त-व्यस्त हो गई है इन इलाकों में जहां एक ओर किसान से लेकर मजदूर खेतों में काम करने से कतरा रहे हैं वहीं अब अभिभावकों ने अपने बच्चों का भी विद्यालय जाना बंद करा दिया है मुद्दा पीलीभीत के माधोटांडा क्षेत्र का है जहां पिपरिया संतोष, सुदासपुर, मलपुर, मैनाकोट, चोखपुरी और डगा गांव समेत तकरीबन 5 किमी के दायरे में बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है यह बाघ क्षेत्र में पहली बार 19 अक्टूबर को देखा गया था तब से अब तक वन विभाग की कार्रवाई महज नज़र तक सीमित है

दहशत के साए ग्रामीणों की जिंदगी
ऐसे में ग्रामीण अब डर के साए में जी रहे हैं ग्रामीणों का बोलना कि यह बाघ कई बार राहगीरों पर हमलावर हो चुका है ऐसे में कोई भी अपनी जान की बाजी नहीं लगाना चाहता वहीं अपने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ग्रामीण अब उन्हें विद्यालय भेजने से भी कतरा रहे हैं क्षेत्र के ग्रामीण कब तक बाघ की भय के साए में जिएंगे इस प्रश्न का उत्तर किसी के भी पास नहीं है

बाघ की कड़ी नज़र जारी
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार ने कहा कि पहले दिन से ही बाघ की चहलकदमी पर कड़ी नज़र रखी जा रही है विभाग की ओर से लगातार कोशिश किए जा रहे हैं कि बाघ को वापस जंगल की ओर खदेड़ दिया जाए

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