गोरखपुर में इंदिरा बाल विहार और फूड पार्क का बदलेगा रूप
नए वर्ष में गोरखपुर का इंदिरा बाल विहार पार्क और उसके आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से बदला नजर आएगा। पार्क और उससे सटे फूड पार्क को दिल्ली के चांदनी चौक के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। महापौर और नगर आयुक्त की पहल पर 3400 वर्ग मीटर में स्थित इंदिरा बाल विहार और उसे सटे फूट पार्क को चटोरी गली के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन बार की प्रयास के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट DPR बनाकर नगर विकास विभाग को स्वीकृत के लिए भेजा गया है। इस पूरी परियोजना पर 9 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस संबंध में महापौर चिकित्सक मंगलेश श्रीवास्तव ने दो दिन पहले परियोजना को स्वीकृति दिलाने के लिए लखनऊ में सीएम से मुलाकात की थी। सीएम ने शीघ्र परियोजना को स्वीकृति दिलाने का आश्वासन भी दिया है। 1297 वर्ग मीटर में पहले इंदिरा बाल विहार और उससे सटे ही 2100 वर्ग मीटर में बने फूड पार्क को मिलाकर चांदनी चौक की तर्ज पर चटोरी गली विकसित की जाएगी। यहां पर बच्चों को खेलने के लिए और भी संसाधन मौजूद कराए जाएंगे। बैठने के लिए सुन्दर डिजाइनर बेंच लगेगी। हरियाली पर भी बल होगा। बाहर सड़क पर 30 छोटे-छोटे कियोस्क होंगे। वहां भीतर की तरफ खाने-पीने की 15 दुकान स्टिंग प्लाजा एमपी थियेटर समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम की आयोजन के लिए सुविधाएं विकसित की जाएगी। 60 दो पहिया वाहनों की क्षमता वाली एक पार्किंग भी बनाई जाएगी।
तोड़े जाएंगे फूड पार्क के कियोस्क
गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से बनाए गए इंदिरा बाल विहार से सटे फूड पार्क के सभी कियोस्क तोड़े जाएंगे।आवंटियों को वहां बन रही दुकानों और कियोस्क आवंटित किया जाएगा। परियोजना के अनुसार ही गोलघर की तरफ इंदिरा गांधी और एसएसपी आवास की पास लगे वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा वाली स्थान का भी सुंदरीकरण कराया जाएगा। वहां पौधे लगाने की साथ ही सुन्दर लाइट लगाई जाएगी।
इस मुद्दे में महापौर चिकित्सक मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि इंदिरा बाल विहार को चटोरी गली के तौर पर विकसित करने के अतिरिक्त नए वार्ड में सड़क नाली से जुड़े 47 करोड़ के प्रस्ताव को जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी। जनवरी के अंतिम तक चटोरी गली का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाने की आशा है। छह महीने में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। यहां लोगों को मनोरंजन के साथ ही जायका का लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा। वहीं नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि इंदिरा बाल विहार को चटोरी गली के तौर पर विकसित करने के साथ ही उसके आसपास के क्षेत्र के सुंदरीकरण के लिए डीपीआर फानइल कर शासन को भेज दिया गया है। निर्माण में गोरखपुर की पहचान टेराकोटा के उत्पादों का भी प्रयोग होगा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के मनोरंजन और खाने के शौकीनों के लिए एक ही केंद्र पर कई कियोस्क के विकल्प मिलेंगे।
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप गोरखपुर