उत्तर प्रदेश

मेरठ की किरण बालियान ने शॉट पुट 17.92 मीटर गेम में कांस्य पदक जीतकर दिखाई विश्व को…

मेरठ चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में अबकी बार भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन करते हुए विभिन्न इतिहास रचे हैं कुछ इसी तरह का इतिहास मेरठ में रहने वाली किरण बालियान ने भी रचा है किरण बालियान ने शॉट पुट 17.92 मीटर गेम में कांस्य पदक जीतकर विश्व को बता दिया है हिंदुस्तान की बेटियां किसी से काम नहीं है दरअसल, यह पदक इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि 72 वर्ष बाद हिंदुस्तान को यह मेडल मिला है

किरण बालियान ने कहा कि यूं तो इस मेडल में प्रत्येक परिवार के सदस्य और कोच का जरूरी सहयोग है लेकिन इस मेडल सबसे बड़ा सहयोग उनकी मां बॉबी बालियान का है क्योंकि उनको रोजाना अभ्यास करने के लिए मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में स्वयं उनकी मां ही जाया करती थीगेम में सपोर्ट की भी जरूरत होती है ऐसे में वही सबसे अधिक सपोर्ट करती थी

बेटे के समान है किरण

किरण बालियान के पिता सतीश बालियान कहते हैं कि उनकी बेटी उनके बेटे के ही समान है जब किरण प्रैक्टिस के लिए जाया करती थी तो समाज के लोग तरह-तरह की बातें बनाते थे लेकिन उन्होंने समाज के ताने सुनते हुए भी अपनी बेटी को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा हौसला दिया वह कहते हैं कि इसमें सबसे बड़ा सहयोग यदि किसी का है तो उनकी पत्नी का है

टीवी पर देखा तो आ गए थे आंख में आंसू

किरण की मां बॉबी ने बोला कि जब टीवी पर देखा कि उनकी बेटी ने कांस्य पदक जीता है तो उनकी आंखों में आंसू आ गए उनके भाई ने बोला जैसे ही टीवी पर यह पता चला कि हिंदुस्तान को 72 वर्ष बाद किसी स्त्री खिलाड़ी ने यह पदक दिलाया है इस उपलब्धि पर जितनी उन्हें खुशी हुई वह अपने शब्दों में बयान भी नहीं कर सकते

सरकार का प्रोत्साहन है अवार्ड की संख्या

किरण बालियान कहती है कि पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हैं उसी का असर है कि एशियाई गेम्स में हिंदुस्तान की मेडल तालिका काफी बेहतर है एशियन गेम्स में जाने से पहले ही हिंदुस्तान गवर्नमेंट द्वारा बोला गया था कि आपकी बार 100 के पार जिसका नजर अबकी एशियन गेम्स में देखने को मिल रहा है अब उनके आगे का फोकस ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने का है

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