उत्तर प्रदेश

70 साल पुराने र्स्वण युक्त चांदी के 3 कुंतल के झूलन पर विराजमान भगवान सीताराम

श्रीरामवल्लभाकुंज का झूलनोत्सव अदभुद है यहां 70 वर्ष पुराने र्स्वण युक्त चांदी के 3 कुंतल के झूलन पर विराजमान ईश्वर सीताराम मुख्य विग्रह की झांकी पूरे राष्ट्र में मशहूर है एक बार जो यहां आया वह दर्शन कर इस मंदिर का होकर रह जाता है त्याग और तपस्या की यह स्थली सावन झूला मेले के दौरान आकर्षण का केंद्र बनी हुई है

यह है श्रीरामवल्लभाकुंज का भव्य झूलन जिस पर ईश्वर सीताराम के मुख्य विग्रह 12 दिनो तक विराजमान रहते हैं इस झांकी का दर्शन संतों का भी मन मोह लेता है

इस मंदिर के झूलन उत्सव सबसे आकर्षण यह है कि सबसे पहला तो अयोध्या का सबसे सुंदर झूला इसे माना जाता है दूसरे मंदिर में विराजमान ईश्वर सीताराम के मुख्य विग्रह ही झूले पर विराजमान होते हैं पूरे उत्सव के दौरान झूले पर ही ईश्वर के जागरण से लेकर शयन तक की सारी सेवा मुख्य पुजारी रामाभिषेक दास और उनके चार सहायक करते हैं

   मंदिर में ईश्वर की सेवा बड़ी निराली है ईश्वर को रोज दिन के मुताबिक भिन्न-भिन्न रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं मौसम के मुताबिक उनकी सेवा होती है इस समय सोने के मुकुट और हार के साथ बेला और गुलाब आदि के फूलों के हार पहनाएं जा रहे हैं रोज शाम 8 बजे से 10 बजे तक गायन-वादन और नृत्य की त्रिवेणी के बीच यहां भक्ति का परम आनंद अनुभव किया जा रहा है

सावन मेले में कनक भवन,रंग महल,मणिराम दास छावनी,राम हर्षण कुंज,जानकीघाट बड़ा स्थान,रामवैदेही भवन,जानकी महल ट्रस्ट,रामलला सदन,कोसलेश सदन,सियाराम किला,अशर्फी भवन, राजगोपाल मंदिर,हनुमत निवास,हनुमत सदन,हनुमत विजय कुंज,दिब्यकला कुंज,क्षत्रिय किराट मंदिर,गहोई मंदिर आदि स्थानों में उत्सव की  धूम है

कुछ मंदिरों में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से 5 दिवसीय यह उत्सव होगा

कोलराम मंदिर और शुभकामना भवन सहित कुछ मंदिरों में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से 5 दिवसीय यह उत्सव होगा सदगुरू सदन और हनुमत निवास आदि मंदिरों में सावन पूर्णिमा के कुछ दिनों बाद तक यह उत्सव चलता है मंदिरों में झूलन का आनंद लेने के लिए राष्ट्र भर से संत और श्रद्धालुओं सहित दो लाख से अधिक भक्त यहां डेरा डाल चुके हैं

 

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