उत्तर प्रदेश

रेलवे ने यूरिया ढुलाई को लेकर नया बनाया कीर्तिमान

Fertilizer Production: एचयूआरएल ने यूरिया उत्पादन तो रेलवे ने इसकी ढुलाई को लेकर नया कीर्तिमान बनाया है एचयूआरएल ने जहां 17 महीने में रिकॉर्ड 10 लाख टन यूरिया का उत्पादन किया है वहीं रेलवे ने मालगाड़ी से इतनी ही यूरिया की सफलतापूर्वक ढुलाई की है

रिकॉर्ड कायम करने के बाद एचयूआरएल अब जल्द ही यूरिया का निर्यात भी करेगा इसके लिए एचयूआरएल के साथ ही रेलवे ने भी तैयारी प्रारम्भ कर दी है अभी तक उत्तर प्रदेश के जिलों में ही सप्लाई होने वाला यूरिया कुछ महीनों में श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल को निर्यात भी होगा एचयूआरएल इन राष्ट्रों की सीमा तक रेलवे के जरिये यूरिया भेजेगा

करीब 600 एकड़ में 8,603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित इस खाद कारखाने की अधिकतम उत्पादन क्षमता रोजाना 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन की है बीच में कुछ महीने के लिए उत्पादन ठप भी रहा लेकिन उत्पादन में कमी नहीं होने दी गई इस समय यहां एक दिन में 3125 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है

एचयूआरएल में एनई रेलवे का पहला गतिशक्ति कार्गो पूर्वोत्तर रेलवे का पहला और सबसे बड़ा गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल नकहा एचयूआरएल परिसर में बन चुका है रेलवे ने अल्फा और न्यूमेरिकल कोड भी आवंटित कर दिया गया है नकहा स्टेशन और एचयूआरएल की कार्गो टर्मिनल साइडिंग को आपस में कनेक्ट भी कर दिया गया है अब यहां से आवश्यकता के हिसाब से यूरिया की ढुलाई मालगाड़ियों से सरलता से हो रही है नकहा और कार्गो टर्मिनल की दूरी 1.493 किलोमीटर है मालगाड़ी को इसे पार करने में महज सवा मिनट लगता है

20 अप्रैल 2022 को सुभागपुर भेजी गई थी पहली खेप
लम्बी कवायद के बाद गोरखपुर खाद कारखाने में बनी नीम कोटेड यूरिया की पहली खेप 20 अप्रैल 2022 को सुभागपुर भेजी गई थी 22 वैगन की मालगाड़ी में यूरिया लेकर रवाना हुई थी मिनी रेक में यूरिया की लोडिंग होने के चलते उसे पूर्वोत्तर रेलवे जोन में ही भेजा गया था मालगाड़ी के संचलन में कोई परेशानी न हो इसके लिए डोमिनगढ़-कैंट तक तीसरी लाइन का काम तेज कर दिया गया है तीसरी लाइन का काम पूरा होते ही मालगाड़ियों का संचलन और सरल हो जाएगा

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