उत्तर प्रदेश

प्राण प्रतिष्ठा में इनके फूलों से होगा रामलला का श्रृंगार, मुन्ना माली का कहना है कि…

22 जनवरी को प्रभु राम 500 वर्ष के बाद अपने भव्य महल में विराजमान होंगे प्रभु राम के विराजमान होने को लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है हर कोई रामलला के विराजमान होने की तैयारी कर रहा है अपने-अपने ढंग से अयोध्या के साधु संत हो या फिर राम मंदिर ट्रस्ट सभी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य बनने के लिए तैयारी में जुट गए हैं ऐसे ही तैयारी हनुमानगढ़ी गेट पर फूल माला बेचने वाला मुन्ना माली भी कर रहे हैंगौरतलब है कि कई पीढियां से मुन्ना माली का परिवार रामलला की सेवा कर रहा हैं

भगवान रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है लेकिन ईश्वर राम का टेंट से लेकर भव्य मंदिर में विराजमान होने तक का यात्रा काफी लंबा रहा यूं तो राम लला ने मात्र 14 सालों का वनवास काटा था लेकिन कलयुग में रामलला का वनवास 1527 से और 2019 तक चला .6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में ईश्वर रामलला के लिए अस्थायी मंदिर की स्थापना की गई थी हालांकि आज इसका सुखद रिज़ल्ट है कि रामलला के जन्म जगह पर भव्य मंदिर आकार ले रहा है टेंट से लेकर अस्थाई मंदिर तक कई पीढियां से ईश्वर रामलला के निमित्त सेवा कर रहे माली भी आज भावुक नजर आ रहे हैं और इतना ही नहीं यह माली अपने आप को धन्य भी मानते हैं

तीन पीढियां से जारी है रामलला की सेवा
मुन्ना माली का बोलना है कि हम पिछले तीन पीढियां से रामलला के लिए माला और फूल दे रहे हैं जब रामलला टेंट में थे तब से यह कार्य प्रारम्भ हुआ है | जब से हम ईश्वर को रोजाना फूल माला दे रहे हैं इसके साथ ही भव्य मंदिर में विराजमान होने के लिए बात भी रामलला को हमारी तरफ से माला दी जाएगी यह माला विशेष होगी और इसकी तैयारी में हम लगे हैं | जितने भी माला और फूलों की जरूरत होगी हम रामलला के निमित्त भेंट करेंगे

अब मिलते है 2100 रुपए
मुन्ना माली बताते हैं कि | रामलला की जब भी श्रृंगार आरती होती है तो हमारे द्वारा दिए गए फूल-माला से ही होती है 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य महल में विराजमान होने जा रहे हैं हम लोग उत्साहित हैं उस दिन भी हम लोग फूल माला लेकर जाएंगे 2006 से पहले हम लोगों को ₹10 और ₹20 महीने मिलते थे लेकिन अब 2006 के बाद हम लोगों को ₹2100 प्रति महीने मिल रहे हैं

खुद से तैयार करते हैं माला
इतना ही नहीं मुन्ना माली का यह भी बोलना है कि हम लोग पैसे के लिए ईश्वर की सेवा नहीं कर रहे हैं हम लोग रामलला के प्रति अपना आस्था निवेदित करते हैं और सुबह 5:00 बजे रामलला के दरबार में फूल-माला लेकर पहुंच जाते हैं इसके अतिरिक्त इस माला में खास बात यह भी है कि रामलला को जो फूल माला अर्पित किया जाता है वह हम लोग अपने हाथों से तोड़कर लाते है

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