अखिल भारत जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में आरक्षण का मुद्दा फिर गर्माया
मेरठ में अखिल हिंदुस्तान जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में रविवारी को जाट आरक्षण का मामला फिर गर्मा गया। कई राज्यों से आए जाटों ने एक सुर में जाट आरक्षण की वकालत की। जाटों ने बोला कि वोट उसी पार्टी को मिलेगा जो आरक्षण की बात करेगा। सम्मेलन में बताया गया कि 8 वर्ष के लंबे प्रतीक्षा के बाद भी जाट समाज को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण का अधिकार नहीं मिला है। संपूर्ण भारतवर्ष के अंदर जाट समाज ही एक मात्र ऐसी कौम है जिसे पूरे राष्ट्र में एक समान आरक्षण की सुविधा प्राप्त नहीं है।
मेरठ में अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने बोला कि केंद्रीय सेवाओं में जाट समाज को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इसे लेकर आनें वाले 20 नवंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि 20 नवंबर को देशभर के जाट दिल्ली में इकट्टा होंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी जाट आरक्षण की मांग की। उन्होंने बोला कि ये समाज का हक़ है।
आज हुई जाट सभा में रालोद ने अपनी राजनीति भी ख़ूब चमकाई। रालोद के कई नेता मंच पर दिखे। हालांकि आयोजकों की तरफ से बोला जा रहा था कि ये कोई राजनीति का मंच नहीं बल्कि समाज का प्रांतीय सम्मेलन है। आयोजकों ने बोला कि इस बैठक के लिए जाट समाज के सभी लोगों को न्योता था। अखिल भारतीय जाट समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने बोला कि सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों को भी निमंत्रण दिया गया था। आने वाले दिनों में 1 अक्टूबर को जाट संसद भी बुलाई गई है। कहा जाता है कि इस सम्मेलन में देशभर के जाट इकट्ठा होंगे। हालांकि इस जाट संसद को लेकर आज हुए सम्मेलन के पदाधिकारियों ने बोला कि वो दूसरे लोग कर रहे हैं। अखिल भारतीय जाट समाज के राष्ट्रीय महसाचिव युद्धवीर सिंह ने बोला कि आनें वाले एक अक्टूबर को मेरठ में होने जा रही जाट संसद से उनका कोई मतलब नहीं है।