गीता प्रेस, गोरखपुर में लगभग 15 भाषाओं में श्रीमद् भागवत गीता का किया जाता है प्रकाशन
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गीता प्रेस में हिंदू धर्म के लगभग सभी धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है। यहां से छपने वाली श्रीमद् भागवत गीता की पहचान पूरे विश्व में होती है। विदेशों में भी लोग यहां की छपी श्रीमद् भागवत गीता और अन्य धार्मिक पुस्तकों को श्रद्धापूर्वक पढ़ते हैं। गीता प्रेस से छपने वाली धार्मिक पुस्तकों को बेचने के लिए गीता प्रेस की इकलौती अपनी संस्था वहीं पर उपस्थित है। यहां पाठकों को कम मूल्य में पुस्तक मिलती है। साथ ही, उसके साथ उपहार भी दिया जाता है।
गीता प्रेस, गोरखपुर में लगभग 15 भाषाओं में श्रीमद् भागवत गीता का प्रकाशन किया जाता है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, संस्कृत और कई अन्य भाषाएं शामिल हैं। गीता प्रेस के प्रोडक्शन मैनेजर आशुतोष उपाध्याय बताते हैं कि यहां छपने वाली धार्मिक पुस्तकों को गीता प्रेस के बाहर अलग से बेचने के लिए संस्था ने सेल डिपो बनाई है। यहां गीता प्रेस में छपने वाली सभी धार्मिक पुस्तकें कम मूल्य में मिल जाएंगी। यहां से पुस्तक खरीदने पर पाठकों को उपहार स्वरूप कोई ना कोई अन्य पुस्तक भेंट दी जाती है। इसमें ज्यादातर सेठ जी स्वामी जी भाई की किताबें होती हैं। कई बार कल्याण के भी अंक होते हैं।
आशुतोष बताते हैं कि गीता प्रेस नहीं चाहता कि इसको लोक प्रचार के तौर पर देखें इसलिए इन चीजों को अधिक चर्चित नहीं किया जाता। लेकिन पाठकों को पढ़ने के लिए यह उपहार दिया जाता है। साथ ही, गीता प्रेस से छपने वाले पुस्तक यहां पर कम मूल्य में दिए जाते हैं। गीता प्रेस चाहता है कि अधिक से अधिक लोग पुस्तकों का पाठ कर सकें।
वहीं, दुकान पर बैठे मनीष बताते हैं कि दुकान में जो भी पुस्तकें उपस्थित रहती है वो पाठकों को उपहार के तौर पर दिए जाते हैं। गोरखपुर गीता प्रेस में छपने वाले धार्मिक पुस्तकों को गीता प्रेस के बुक डिपो से सबसे कम दामों पर बेचा जाता है। गीता प्रेस में श्रीमद् भागवत गीता के अतिरिक्त शिव महापुराण, रामचरितमानस, रामायण और कई अन्य धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन होता है।