श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोजन कराने वाले अन्नपूर्णा ट्रस्ट की मनाई गई सिल्वर ज्युबिली
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोजन कराने वाले अन्नपूर्णा ट्रस्ट की सिल्वर ज्युबिली मनाई गई। ट्रस्ट आज से भोजन कराने का पैटर्न बदल रहा है। आज रात 11 से 2 बजे तक शहर में गरीबों को खोज-खोजकर फ्री का भोजन दिया जाएगा। वहीं, विद्यार्थियों और संतों के लिए सुबह से शाम तक भोजन मौजूद रहेगा। वहीं, आम भक्तों के भोजन का समय दोपहर 2 बजे तक रात तक चलेगा। अन्नपूर्णा मठ मंदिर के अन्नक्षेत्र ट्रस्ट का सेवा के 25 वर्ष पूरा होने पर ये निर्णय लिया गया है।
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने बोला कि दूसरे की भलाई करने वाला ही शिखर पर होता है। मानव सेवा के लिए पैसों की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि, आवश्यकता होती है कि नैरो एप्रोच वाले लोगों को छोड़ने की। यदि आपको आदमी की सेवा करने में आनंद आने लगे। तो जीवन में किसी भी आनंद की आवश्यकता नहीं होगी। पैसा यदि किसी की भलाई के काम आए, तभी उसकी मूल्य है।
मंदिर की कुल 15 संस्थाएं हैं
अन्नपूर्णा मंदिर के पास 15 संस्थाएं हैं, जो कि पढ़ाई से लेकर भोजन तक की प्रबंध करती हैं। आज अन्नक्षेत्र की दूसरी शाखा बांसफाटक स्थित भवन में रजत जयंती कार्यक्रम की आरंभ दीप जलाकर हुई। बटुकों ने वैदिक मंगला चरण की। महंत शंकर पुरी समेत बड़ी संख्या में विद्वान, संत, सन्यासी और नेता पहुंचे।
क्या होता है ठीक अर्थों में मानव
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें ठीक अर्थों में मानव वो है जो दूसरे का हित-चिंतन करता है। दूसरों पर एहसान करने वालों का नाम अमर हो जाता है। संस्थान का उद्देश्य काशी में आए दर्शनार्थियों को भोग प्रसाद का व्यवस्था करना है। साथ में शिक्षा, वृद्धाश्रम, काशी वास, विवाह, अस्पताल, सिलाई प्रशिक्षण, कंप्यूटर कोर्स और योग अभ्यास समेत जीवन के मूल्यों के असंतुलन को रोकना और दुनिया में असली एकता और शांति प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार करना है।