उत्तर प्रदेश

पांच में से दो राज्यों में लड़ी रही सपा का सूपड़ा हुआ साफ

दिल्ली/लखनऊ चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के रिज़ल्ट आ गए हैं पांच में से दो राज्यों में लड़ी रही समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया वहीं इनमें से चार राज्यों में चुनावी मैदान में उतरी बीएसपी भी पुराना प्रदर्शन तक नहीं दोहरा सकी उसकी राजस्थान में न केवल सीटें घटीं, बल्कि 2018 विधानसभा चुनावों के मुक़ाबले चुनावी राज्यों में वोट फीसद भी लुढ़का यही नहीं हिमाचल, कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी का हिंदी पट्टी से पूरी तरह सत्ता से बाहर होने से ‘इंडी गठबंधन’ में उसके असर को भी चोट पहुंची है लिहाजा, आने वाले दिनों में उसे क्षेत्रीय दलों के प्रेशर से जूझना तय है

यूपी में इंडी गठबंधन में अभी समाजवादी पार्टी और रालोद ही शामिल हैं वहीं बीएसपी को गठबंधन का हिस्सा बनाने का कोशिश चल रहा था ऐसे में विपक्षी दलों की 2024 की पूरी रणनीति पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर टिकी थी इसके चलते रिज़ल्ट तक गठबंधन की सारी गतिविधियां ठप थीं अगर, पांच राज्यों में चुनावी प्रदर्शन के लिहाज से देखें तो बीएसपी पिछली बार इन तीन राज्यों में 10 सीटें जीतने में सफल हुई थी वहीं इस बार केवल राजस्थान में ही दो सीटें हासिल कर सकी उधर, समाजवादी पार्टी जहां पिछली बार एक सीट एमपी में जीतने में सफल हुई थीं, वहीं इस बार उसका पत्ता पूरी तरह से साफ है समाजवादी पार्टी ने एमपी और राजस्थान में चुनाव लड़ा था उधर, कांग्रेस पार्टी ने जहां छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सत्ता गंवा दी भाजपा से मध्यप्रदेश छीनने का सपना भी चकनाचूर हो गया

कांग्रेस की हार से आक्रामक हुए सहयोगी दल
कांग्रेस की बड़ी हार होते ही गठबंधन के सहयोगी ही आक्रामक हो गए समाजवादी पार्टी प्रवक्ता आमीक जामेई ने बोला कि कांग्रेस पार्टी को अब यह तय करना होगा कि उसे भाजपा से लड़ना है या क्षेत्रीय दलों से ही संघर्ष करना है उनका निशाना मध्यप्रदेश में हुई घटना को लेकर था वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनावों में हार का कारण कांग्रेस पार्टी का अंहकार बताया अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने भी कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया ऐसे में अब 6 दिसम्बर को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में भी गहमागहमी होना तय है साथ ही शीट शेयरिंग को लेकर भी क्षेत्रीय दल अब खुलकर प्रेशर पॉलिटिक्स करते नजर आएंगे

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