अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नाम पर आंख में झोंकी जा रही धूल :स्वामी प्रसाद मौर्य
फतेहपुर। यूपी के फतेहपुर जनपद पहुंचे सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। नहर कॉलोनी में संविधान जागरूकता कार्यक्रम राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य मेहमान शिरकत करने पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने बोला कि जनवरी में अयोध्या में ईश्वर राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अब यहां आंख में धूल झोंका जा रहा है। ईश्वर राम को हजारों-लाखों वर्ष से पूजा जाता हैं। करोड़ों-करोड़ों लोगों के आराध्य हैं। सभी उनको ईश्वर मानते हैं। जिनके करोड़ों चाहने वाले हैं और हजारों वर्ष से उन्हें पूजा जा रहा है अब उसकी प्राण प्रतिष्ठा की नौटंकी क्यों? ईश्वर राम से बड़े हो गए क्या? यह धर्म नहीं है। यह यहां के एक चतुर वर्ग के लोगों का धंधा है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने बोला कि बस धर्म के नाम पर उनका धंधा चलता रहे। वह किसी को भी विश्वासघात दे सकते हैं और ये जनवरी में होने जा रहा है। ऐसे समय सबसे अधिक दलित और पिछड़े पागल होकर भागते हैं। मैं उन्हें सावधान कर देना चाहता हूं। वहीं उन्होंने साधु-संतों द्वारा दी जा रही धमकी पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बोला अभी देखा मुझे दो दर्जन लोगों ने धमकी दिया। किसी ने सिर कलम करने की, किसी ने गोली मारने की, किसी ने जीभ काटने की तो किसी ने हाथ नाक काटने के लिए 51 करोड़ का पुरस्कार रखा। किसी ने 25 करोड़ का पुरस्कार रखा। ये लोग साधु संत भेष में खूंखार भेड़िए हैं, जिनका आतंकी चेहरा सामने आया है।
प्रदेश के जेल राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति के कारावास में हनुमान चालीसा का पाठ कराए जाने के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए बोला कि ऐसा कहने वाले लोग शायद मंत्री पद की शपथ भूल गए हैं। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष और पंथनिरपेक्ष है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी सभी संविधान के सामने बराबर हैं। इसलिए किसी भी सरकारी संस्थान में किसी धर्म विशेष का कोई भी कार्यक्रम किया जाना यह सांप्रदायिक अत्याचार है। संविधान की शपथ लेने वाला मंत्री यदि कहता है तो महा पाप है। ऐसे लोगों से बचना चाहिए।