उत्तर प्रदेश

जिस मशीन से किया जाता है निशुल्क इलाज, उसे कमीशनबाजी के चक्कर में इस जगह से मंगाया

बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में जिस मशीन से घाव सुखाने का इलाज मुफ़्त किया जाता है, उसे कमीशनबाजी के चक्कर में मेडिकल स्टोर से मंगा लिया गया. मशीन की मूल्य पौने दो लाख रुपये है. निरीक्षण के दौरान ट्रॉमा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो सौरभ सिंह ने दो रोगियों के बेडों के पास से दो मशीनें बरामद की हैं. मशीनें बरामद कर ली गईं. प्रो सौरभ ने मुद्दे को गंभीर बताया. देर शाम डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने लंका पुलिस स्टेशन में तहरीर दी. मुद्दे में केस दर्ज करके जांच और कारगर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

ट्राॅमा सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर सौरभ सिंह ने शुक्रवार को वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान दो रोगियों के बेड के पास वीएसी मशीन देखी. मशीन की सहायता से घाव शीघ्र भरे जाते हैं. प्रभारी ने रोगी और उनके परिजनों से जानकारी ली तो चौंकने वाले तथ्य सामने आए. पता चला कि मशीन मेडिकल स्टोर से मंगवाई गई है. एक चिकित्सक ने ही पर्चे पर लिखकर महंगी मशीन मंगवाई थी. चिकित्सक ने ही मेडिकल स्टोर का नाम और पता भी कहा था. एक रोगी से सितंबर और अक्तूबर 2023 के बीच 1.70 लाख रुपये की दवा और मशीन मंगवाई गई है. दूसरे रोगी से 75 हजार तक की दवा मंगवाई गई है. मशीन खरीदने में भी खर्च आया है.

दवा-जांच निशुल्क, फिर भी कुछ डॉक्टरों की मनमानी

ट्रामा सेंटर में भर्ती रोगियों को मुफ़्त दवाइयां दी जाती हैं. मुफ़्त पैथालॉजी जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए ओपीडी ब्लॉक से दवा और जांच काउंटर सहित जगह-जगह नोटिस चस्पा कराई गई. मरीजों,तीमारदारों को सावधान किया गया. इसके बावजूद कुछ चिकित्सक मनमानी कर रहे हैं. अपने पसंदीदा मेडिकल स्टोर से महंगी दवा और जांच की मशीनें मंगवा रहे हैं.

कमीशन का खेल, रोगियों की जेब हो रही खाली

बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती रोगी से मेडिकल स्टोर की दवाइयां मंगवाने के पीछे कमीशन का खेल है. पैथालॉजी जांच के लिए भी बाहर भेजा जाता है. इससे पहले भी मुद्दा पकड़ा जा चुका है. निजी लैब का पर्चा तक बरामद हो चुका है. मशीन मंगवाने का मुद्दा भी इसी का हिस्सा है. उपकरण और मशीनों की बिक्री पर अच्छा कमीशन मिलता है.

अमृत फार्मेसी से मशीन और दवाइयां खरीदने का है आदेश

बीएचयू के ट्राॅमा सेंटर प्रशासन की ओर से अप्रैल 2023 में ही आदेश जारी किया गया था. बोला गया था कि उपचार में लगने वाले जांच के उपकरण और दवाइयों को मुफ़्त उपलब्ध कराई जाएंगी. कुछ ऐसे सामान जो हॉस्पिटल के ड्रग स्टोर में नहीं रहेंगे, उन्हें आवश्यकता पड़ने पर अमृत फार्मेसी और उमंग फार्मेसी से ही खरीदा जाएगा. इन दोनों फार्मेसी पर बाहर से कम मूल्य पर दवाइयां और जांच की मशीनें मिलती हैं.

ट्राॅमा सेंटर में रोगियों मुफ़्त दवा दी जाती है. इसके बावजूद मशीन बाहर से मंगाई गई है. यह गलत है. जो वीएस मशीन मेडिकल स्टोर से मंगाई गई है, वह ट्रॉमा सेंटर में है. दस मशीनें लगी हैं. अब पुलिस की जांच में सब कुछ साफ होगा. इसमें शामिल लोगों को पकड़ा जाएगा. ट्रॉमा सेंटर में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं चलेगी.

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