शारदीय नवरात्रि में 9 दिन इन देवियों की होगी पूजा
अयोध्या। सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत महत्व रखता है। वैसे तो वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं। इनमें से एक चैत्र नवरात्रि, दूसरी शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि से ही शुभ कार्यों की भी आरंभ होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की आरंभ इस साल 15 अक्टूबर से हो रही है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगी। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करने से साधक को सुख-समृद्धि तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
घट स्थापना का मुहूर्त
अयोध्या के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि में शुभ मुहूर्त पर घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना निश्चित समय में चित्रा नक्षत्र के दौरान ही होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, चित्रा नक्षत्र 14 अक्टूबर को शाम 4:24 से प्रारम्भ होकर 15 अक्टूबर शाम 6:13 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11:04 से लेकर 11:50 के बीच रहेगा।
अश्व पर सवार होकर आएंगी माता रानी
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अबकी बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक रहेगी। खास बात ये कि इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों तक रहेगी। शनिवार और मंगलवार को जब नवरात्रि शुरुआत होती है तब माता की सवारी घोड़े पर होती है। शारदीय नवरात्रि में माता अश्व पर सवार होकर आएंगी। उनका यह स्वरूप संपूर्ण सृष्टि के लिए कल्याणकारी है। नवरात्रि में 9 दिनों तक भोग प्रसाद में मिश्री, किसमिस, मिष्ठान, पांच प्रकार के फल साथ ही सामर्थ्य मुताबिक आप भोग लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, नवरात्रि में 9 दिनों तक माता भगवती के मंत्रों का जाप करने से कल्याण होता है।
9 दिन इन देवियों की होगी पूजा
15 अक्टूबर मां शैलपुत्री की पूजा, 16 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, 17 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा, 18 अक्टूबर को मां कूष्मांडा की पूजा, 19 अक्टूबर को मां स्कंदमाता की पूजा, 20 अक्टूबर को मां कात्यायनी की पूजा, 21 अक्टूबर को मां कालरात्रि की पूजा, 22 अक्टूबर को मां सिद्धिदात्री की पूजा, 23 अक्टूबर को मां महागौरी की पूजा और 24 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी।