ये है सहतवार के शुद्ध देसी घी की रोचक कहानी
बलिया:सहतवार का सही देसी घी काफी प्रसिद्ध है। चैन राम बाबा से इसकी कहानी जुड़ी हुई है। चैन राम के आदेश को आज भी यह पूरा क्षेत्र भली–भाँति निभा रहा है। आज भी समस्त क्षेत्रवासी मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं करते है। सहतवार में स्थापित चैन राम बाबा का जगह अपने आप में ऐतिहासिक और पौराणिक है। यहीं पर चैन राम बाबा ने जिंदा समाधि लिया था। यहां 24 से 48 घंटे में सत्य और असत्य का फैसला होता है। मान्यता है कि यहां असत्य बोलने वालों की खैर नहीं होती। आज भी बाबा के आदेश के मुताबिक इस पूरे क्षेत्र में कहीं भी मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं की जाती है।
मोतीलाल ने कहा कि मेरे बाबा राम रतन को चैन राम बाबा के द्वारा आदेश दिया गया था की तुम्हारे घर से प्रसाद बनेगा और हमारे जगह पर चढ़ेगा। आज भी किसी प्रकार का अनुष्ठान, कार्यक्रम या यज्ञ हो मेरे यहां प्रसाद बनता है और यह प्रसाद बहुत दूर-दूर तक जाता है। पूरे क्षेत्र के लिए बाबा का आदेश था कि कहीं मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं होगी जो आज भी बरकरार है। यहां के सही देसी घी की चर्चा राष्ट्र दुनिया में है। यहां मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं होती है।
ये है सहतवार के सही देसी घी की रोचक कहानी
सहतवार निवासी मोती लाल ने कहा कि यह पूरा क्षेत्र चैन राम बाबा के जगह से प्रसिद्ध है। यहीं पर बाबा ने जिंदा समाधि लिया था। मान्यता है कि यहां कोई असत्य नहीं बोलता झूठी कसम नहीं खाता है। यहां पर झूठी कसम या असत्य बोलने वालों को सजा 24 से 48 घंटे के अंदर मिल जाती है। चुकी जैन राम बाबा का यह आदेश था कि पूरे क्षेत्र में कहीं भी मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं होगी। जो इस प्रकार का कार्य करेगा उसका परिवार खुशहाल नहीं रहेगा।
घी की खरीद बिक्री नहीं की जाती
आज भी यह बाबा का आदेश पूरे क्षेत्र में बरकरार है। कहीं भी मिलावटी घी की खरीद बिक्री नहीं की जाती है। सहतवार का सही देसी घी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। गांव देहात में यादव परिवार के द्वारा दही से निकले गए सही देसी घी की यहां खरीद बिक्री होती है। इसका पहचान एक खास सुगंध से होती है। जब इस घी को आग पर खराया जाता है तो आसपास के कई घर भी सुगंधित हो जाते हैं।