उत्तर प्रदेश

रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच इन दिनों चर्चाओं में आ गया यह मदरसा

अलीगढ़ का चाचा नेहरू मदरसा अपने आप में अनूठी मिसाल कायम कर रहा है हिंदी और इंग्लिश माध्यम के साथ-साथ जहां इस्लामिक शिक्षा भी दी जा रही है, वहीं कुरान की तिलावत के बीच रामायण की चौपाइयां भी बच्चों को अर्थ सहित समझायी जा रही हैं अयोध्या में आयोजित होने जा रहे रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बीच यह मदरसा भी इन दिनों चर्चाओं में आ गया है

भले ही मदरसों में इस्लाम की दीनी तालीम दी जाती हो, लेकिन अलीगढ़ का मदरसा चाचा नेहरू ऐसा है जहां कुरान की आयतों के बीच ही रामचरितमानस की चौपाइयां भी गाई जाती हैं मुसलमान बच्चे कुरान के जरीए अल्लाह की इबादत करते हैं, वहीं रामचरितमानस को पढ़कर हिंदू धर्म के तौर ढंग भी समझाते हैं इतना ही नहीं इस मदरसे में बच्चों को सामाजिक ताना बाना और हर धर्म से रूबरू कराने के लिए बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब का भी ज्ञान दिया जाता है मकसद साफ है कि राष्ट्र के कल का भविष्न अनेकता में एकता की बात को दिल तक उतार पाए और अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों के सम्मान करने के लिए मदरसे में यह पूरी कवायद होती है

अल्लाह की इबादत और गायत्री मंत्र का जाप
मदरसे में पढ़ने वाले मुसलमान बच्चे सुबह अल्लाह की इबादत के साथ गायत्री मंत्र का जाप भी करते हैं अनूठी परम्परा के कारण यह मदरसा सुर्खियों में है बच्चों को रामचरितमानस की शिक्षा दे रहीं शिक्षिकाएं कहती हैं कि हम यह मानते हैं कि सभी धर्म एक समान हैं सुबह बच्चे पहले हाथ खोलकर अल्लाह की इबादत करते हैं उसके बाद हाथ जोड़कर राम चरित्र मानस की चौपाइयां गाते हैं उसके बाद खड़े होकर राष्ट्रगान करते हैं मदरसे में विभिन्न धर्मों के बच्चे भिन्न-भिन्न न कर एक साथ सभी धर्मों की प्रार्थना करते हैं

सलमा अंसारी करती हैं मदरसे का संचालन
सिविल लाइन क्षेत्र में बंगाली कोठी स्थित इस मदरसे का संचालन पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी करती हैं वह पिछले 24 साल से इस मदरसे को चला रही हैं वर्तमान में विभिन्न धर्मों के 5000 के करीब बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं बच्चों को यहां सभी धर्मों का ज्ञान दिया जाता है मदरसे में एएमयू के कई शिक्षक भी नि:स्वार्थ सेवाएं देते रहे हैं

मदरसा चाचा नेहरू, संचालिका, सलमा अंसारी ने बोला कि मदरसे में किसी विशेष महज की पढ़ाई नहीं होती कुरान की आयतों के साथ यही रामचरितमानस की चौपाइयां भी पढ़ाई जाती हैं ईश्वर राम की विशेष पूजा अर्चना के अतिरिक्त सभी धर्म की पढ़ाई के जरिये मोहब्बत का पैगाम बांटा जाता है सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं

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