उत्तर प्रदेश

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज यजमान प्रायश्चित पूजन से करेंगे पूजा की शुरुआत

अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधवत पूजा अनुष्ठान आज से प्रारम्भ होने वाला है सबसे पहले प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की विधवत आरंभ होगी बता दें कि सुबह 9:30 बजे से पूजन पद्धति प्रारम्भ होगी, जो लगभग अगले 5 घंटे तक चलेगी इसमें यजमान प्रायश्चित पूजन से पूजा की आरंभ करेंगे

क्‍या होती है प्रायश्चित पूजा
प्रायश्चित पूजा पूजन की वह विधि होती है जिसमें शारीरिक जिसमें शारीरिक, आंतरिक, मानसिक और बाह्य इन तीनों ढंग का प्रायश्चित किया जाता है जानकारों के अनुसार वाह्य प्रायश्चित के लिए 10 विधि स्नान करते हैं इसमें पंच द्रव्य के अतिरिक्त कई औषधीय और भस्म समेत कई सामग्री से स्नान करते हैं

गोदान भी प्रायश्चित का आधार
एक और प्रायश्चित गोदान भी होता है और संकल्प भी होता है इसमें यजमान गोदान के माध्यम से प्रायश्चित करता है कुछ द्रव्य दान से भी प्रायश्चित होता है, जिसमें स्वर्ण दान भी शामिल है

कौन करता है प्रायश्चित पूजा
किसी पुनीत कार्य को करने के लिए अनुष्‍ठान या यज्ञ किया जाता है उसमें बैठने का अधिकारी यजमान ही होता है यह कर्म यजमान को करना होता है पंडित को सामान्यतः नहीं करना पड़ता है, लेकिन इस तरह के प्रायश्चित कर्म को यजमान को करना होता है इसके पीछे मूल भावना यह है कि जितने भी ढंग का पाप जाने अनजाने में हुआ हो उसका प्रायश्चित किया जाए, क्योंकि हम लोग कई प्रकार की ऐसी गलतियां कर लेते हैं, जिसका हमें अंदाजा तक नहीं होता, तो एक शुद्धिकरण बहुत महत्वपूर्ण होता है इसको हम पवित्री कारण भी कह सकते हैं

क्या है कर्म कुटी पूजा
कर्म कुटी का मतलब यज्ञशाला पूजन है यज्ञशाला प्रारम्भ होने से पहले हवन कुंड अथवा बेदी का पूजन हम लोग पहले ही करते हैं विष्णु जी का पूजन होता है उसे पूजन के बाद ही उसे विधि विधान से पूजन के लिए अंदर लेकर जाते हैं हर क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए एक पूजन होता है उस पूजन को करने के बाद एक अधिकार मिलने के बाद तब अंदर जाकर पूजा पद्धति करते हैं

कितना समय लगेगा
प्रायश्चित पूजन में कम से कम डेढ़ से 2 घंटे लगेंगे और विष्णु पूजन में भी इतना ही समय लगेगा मतलब पूजा विधि आज सुबह 9:30 बजे प्रारम्भ होगी और लगभग 5 घंटे तक पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहेगा 121 ब्राह्मण इस पूजा अर्चना को करेंगे

एक नजर में जानें कब क्‍या होगा?
-16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया शुरुआत हो जाएगी
-17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण और गर्भगृह का शुद्धिकरण
-18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ दोनों समय जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास भी होगा
-19 जनवरी को प्रातः फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा
-20 जनवरी की सुबह में पुष्प और रत्न और शाम को घृत अधिवास का कार्यक्रम होगा
-21 जनवरी की सुबह शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास और औषधि और शैय्या अधिवास किया जाएगा
-22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटायी जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा

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