महिला आरक्षण बिलः पिता मुलायम सिंह के रास्ते पर अखिलेश यादव, बोले…
महिला आरक्षण बिल एक बार फिर लोकसभा में रखा गया है। संसद के विशेष सत्र के पहले ही दिन मोदी गवर्नमेंट विधि एवं इन्साफ मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बिल को पेश किया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के रास्ते पर ही जाते दिखाई दे रहे हैं। पिछली बार मुलायम सिंह यादव ने पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को अलग से आरक्षण की मांग करते हुए बिल का विरोध किया था। अब अखिलेश यादव ने भी मुलायम सिंह यादव की बातों को दोहराया है। उन्होंने स्त्री आरक्षण में पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों के लिए भी कोटा की मांग कर दी है।
महिला आरक्षण बिल को लेकर अखिलेश यादव ने ट्विटर (अब एक्स) पर लिखा कि स्त्री आरक्षण में लैंगिक इन्साफ और सामाजिक इन्साफ का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की स्त्रियों का आरक्षण निश्चित फीसदी रूप में साफ होना चाहिए। अखिलेश की तरह उनकी पत्नी और लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने भी पिछड़ी जाति की स्त्रियों के लिए अलग से प्रबंध की बात कही।
डिंपल ने एक टीवी चैनल से वार्ता में बोला कि इस बिल का समर्थन करतीं हूं, लेकिन हम चाहते हैं जो अंतिम पंक्ति में खड़ी हुई स्त्री को भी उसका अधिकार मिलना चाहिए। हम चाहते हैं इसमें OBC स्त्रियों को भी आरक्षण मिले। लेकिन गवर्नमेंट की मंशा ठीक नहीं है। क्योंकि ये बिल 2024 इलेक्शन में लागू नहीं हो पाएगा और आने वाले पांच राज्यों के इलेक्शन में भी लागू नहीं हो पाएगा।
मोदी गवर्नमेंट से पहले मनमोहन गवर्नमेंट ने भी स्त्री आरक्षण का बिल संसद में पेश किया था। राज्यसभा से तो बिल पास हो गया था लेकिन लोकसभा में नहीं हो सका था। तब बिल का सबसे अधिक विरोध सपा के प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव ने किया था। मुलायम सिंह ने पिछड़ा और मुसलमान समाज की स्त्रियों को भी बिल में आरक्षण का प्रावधान देने की मांग की थी। मुलायम सदन में स्त्री आरक्षण बिल के विरुद्ध भी कहे थे।