उत्तराखण्ड

क्या उपरत्न, रत्नों जितने ही होते हैं फायदेमंद…

 ऋषिकेश: हमारे शास्त्रों के मुताबिक 84 रत्न पाए जाते हैं, जिनमें से माणिक, हीरा, नीलम, पन्ना, लाल मूंगा, मोती, पुखराज, लेहसुनिया मुख्य रत्न माने गए हैं इन्हीं रत्नों को नवरत्न भी बोला जाता है वहीं बाकी सभी उपरत्न कहलाते हैं गृह और राशी मुताबिक पहने गए रत्न हमारे जीवन को विभिन्न प्रकार से फायदा देते हैं वहीं सभी के दिमाग में ये प्रश्न रहता ही है कि क्या उपरत्न, रत्नों जितने ही लाभ वाला होते हैं? उपरत्न होते क्या है और इन्हें उपरत्न क्यों कहां जाता है?

लोकल 18 के साथ हुई वार्ता के दौरान तिरुपति जेम्स पैलेस के मालिक गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि वो पिछले 35 वर्षों से रत्नों को बनाने और बेचने का काम करते हैं गृह और राशी के मुताबिक पहने गए रत्न हमे कई सारे फायदा देते हैं बात करें उपरत्नों की तो माणिक, हीरा, नीलम, पन्ना, लाल मूंगा, मोती, पुखराज, लेहसुनिया मुख्य रत्न माने गए हैं वहीं शास्त्रों के अनुसार तो 84 रत्न होते हैं इन 9 रत्नों के अतिरिक्त सभी उपरत्न कहलाते हैं उपरत्न एक तरह से रत्नों के विकल्प माने जाते हैं ये रत्नों जितने ही प्रभावशाली होते हैं और उतना ही लाभ करते हैं

उपरत्नों का मूल्य
गोपाल बताते हैं कि रत्न काफी कीमती होते हैं, जिनका मूल्य काफी अधिक होता है जो लोग रत्न नहीं खरीद सकते वो उनके उपरत्न खरीद लेते हैं रत्न कम मात्रा में पाए जाते हैं और इनकी डेंसिटी अधिक होती है वहीं उपरत्न अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए मूल्य में रत्नों से कम होते हैं बाकी लाभ दोनों से बराबर ही होता है बस ध्यान इस बात पर देना चाहिए कि चाहे रत्न पहने या फिर उपरत्न दोनों ही सही होने चाहिए तभी लाभ करेंगे

रत्नों के उपरत्न
गोपाल बताते हैं कि पन्ना की स्थान आप ओनेक्स (onyx) पहन सकते हैं ओनेक्स सस्ता होने के साथ ही काफी लाभदाई भी होता है पुखराज की स्थान पर सुनैला पहन सकते हैं हीरे की स्थान सफेद जरकन (White zircon) या फिर सफेद ओपल (White Opal) पहन सकते हैं वहीं नीलम की स्थान नीलमणि और लेहसुनिय के जगह पर लाजवृत पहन सकते हैं ये उपरत्न भी रत्नों जितना ही और कई बार उनसे भी अधिक फायदेमंद साबित होते हैं

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