उत्तराखण्ड

पहाड़ों में मधुमक्खी पालन बड़े फायदे का सौदा, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

उत्तराखंड के पहाड़ के किसानों के लिए मधुमक्खी पालन एक बेहतर रोजगार का साधन बन सकता है यहां के युवा जो स्वरोजगार के जरिए अपनी आजीविका को चलाना चाहते हैं, उनके लिए पिथौरागढ़ का कृषि विज्ञान केंद्र मुफ़्त मौन पालन प्रशिक्षण दे रहा है, जिससे यहां के लोगों को मधुमक्खी पालन से जोड़कर उनकी आजीविका को बढ़ाया जा सके जिला मुख्यालय की बात करें, तो यहां का मौसम मधुमक्खी पालन के लिए काफी अनुकूल है यहां न अधिक ठंडा होती है और न ही गर्म और इससे निकलने वाले शहद की काफी अच्छी डिमांड बाजार में रहती है कृषि विज्ञान केंद्र में मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने वाले डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि लोग अपने बगीचे या जिनके पास खुली स्थान है, वहां पर मधुमक्खी के बॉक्स को रख सकते हैं ध्यान रहे कि आसपास फूलों की कोई कमी न हो



युवा कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा

मधुमक्खियां फूलों से परागण लेकर उनके विस्तार का काम भी करती हैं डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि स्वरोजगार करने की चाह रखने वालों के लिए मधुमक्खी पालन एक बेहतर विकल्प बन सकता है इससे हमारे पहाड़ के युवा अपने घरों में रहकर मधुमक्खी के बॉक्स की देखभाल कर अच्छा फायदा कमा सकते हैं ठंडे इलाकों में होने वाले मधुमक्खी के बक्सों को सर्दियों के मौसम में गर्म जगहों पर रखना पड़ता है

राज्य गवर्नमेंट दे रही सब्सिडी

डॉ महेंद्र बताते हैं कि कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लेने के बाद सब्सिडी के साथ उद्यान विभाग द्वारा मधुमक्खी के बॉक्स दिए जाते हैं उन्होंने युवाओं से राज्य गवर्नमेंट द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं का फायदा लेने की बात भी कही है, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा उनकी पूरी सहायता की जा रही है इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप पिथौरागढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र आ सकते हैं यहां का पता है- कृषि विज्ञान केंद्र, गैना-ऐंचोली, पिथौरागढ़ यहां का टेलीफोन नंबर है- 05964-252175.

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