उत्तराखण्ड

लैंडस्लाइड के चलते पिथौरागढ़ के बॉर्डर की घाटियों का शेष दुनिया से टुटा संपर्क

पिथौरागढ़ लगातार हो रहे लैंडस्लाइड के चलते पिथौरागढ़ के बॉर्डर की घाटियों का शेष दुनिया से संपर्क कट रहा है तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर इस समय आवाजाही करना मृत्यु को दावत देने जैसा है क्योंकि इस सड़क पर कभी भी ऊपर से पत्थर गिर सकते हैं बॉर्डर की लाइफ लाइन लिपुलेख रोड बंद होने से ब्यास, दारमा और चौंदास घाटियों का संपर्क शेष हिंदुस्तान से कट जाता है

ब्यास, दारमा और चौंदास घाटियों का संपर्क कटने से जहां हजारों की जनसंख्या संकट में हैं, वहीं सुरक्षा बलों की दिक्कतें भी बढ़ रहीं हैं भारत-चीन और नेपाल के ट्राई जंक्शन को जोड़ने वाली लिपुलेख रोड सप्ताह भर से बंद हैं बॉर्डर की अहम रोड बंद होने से जहां ऊपरी इलाकों में जाने वालों की राह थम गई है वहीं लोगों को आवाजाही करने में जान तक जोखिम में डालनी पड़ रही है मुनस्यारी की भी सड़क कई दिनों बाद यातायात के लिए खुली है

लैंडस्लाइड से जिले के 16 मार्ग बंद
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ रीना जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि बरसात के कारण बंद हो रही सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए गए हैंबारिश में आए दिन हो रहे लैंडस्लाइड से जिले के 16 मार्ग बंद हैं रोड बंद होने से व्यास घाटी तो सीधे प्रभावित है साथ ही धारचूला-तवाघाट रोड में आए दिन हो रहे लैंडस्लाइड से दारमा और चौंदास घाटी के दर्जनों गांव भी परेशानी में हैं

लिपुलेख सड़क का है सामरिक महत्व
यहां के क्षेत्रीय निवासी भूपेंद्र थापा ने कहा कि लिपुलेख सड़क पर लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे यहां रहने वाले लोगों को आवाजाही करने में काफी दिक्कतें हो रही हैलिपुलेख रोड दर्जनों गांवों की लाइफ लाइन तो है ही, साथ ही इसका सामरिक महत्व भी है इसी रोड की सहायता से सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान चीन-नेपाल बॉर्डर तक पहुंचते हैं यही नही सेना आवश्यकता का सामान भी इसी रोड के जरिए बॉर्डर तक पहुंचता है

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