इस जगहों पर छह दिनों से फसे मजदूरों को सांस लेना हुआ दुर्लभ
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग त्रासदी का शुक्रवार को छठा दिन है। बचावकर्मी चट्टान गिरने के छठे दिन सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब लंबे समय से सुरंग में फंसे श्रमिकों का स्वास्थ्य गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इन मजदूरों को भोजन और ऑक्सीजन मौजूद कराने के लिए चार पाइप लगाए गए हैं। फिलहाल इन श्रमिकों को निकालने के लिए पुरजोश में ड्रिलिंग ऑपरेशन चल रहा है। इन मजदूरों को निकालने के लिए थाईलैंड और नॉर्वे से विशेष बचाव दल भी बुलाए गए हैं। हालांकि, सुरंग में फंसे श्रमिकों का संयम अब समाप्त हो रहा है और वे कह रहे हैं कि हम कब बाहर निकलेंगे? हालांकि, ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी के कारण शुक्रवार को ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया था। सूत्रों के अनुसार इस मशीन का बेयरिंग टूट गया था। निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसके मलबे में 40 निर्माण मजदूर फंस गए थे। इन श्रमिकों को निकालने के लिए राहत-बचाव कार्य जोरों से चल रहा है। बचावकर्मियों ने 24 मीटर तक खुदाई की है और मजदूरों को भोजन और ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए चार पाइप लगाए गए हैं। हालांकि डॉक्टरों ने इन कर्मियों के पुनर्वास पर बल दिया है। उनका बोलना है कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर कैद रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियां हो सकती हैं। डॉक्टर इस बात से भी चिंतित हैं कि मलबा गिरने से लगे घाव गंभीर हो सकते हैं और उनमें संक्रमण हो सकता है।
12 से 15 घंटे में 70 मीटर चट्टान काटने की आशा है
केंद्र गवर्नमेंट ने श्रमिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी और एनडीआरएफ को सौंपी है। उत्तराखंड पुलिस ने सुरंग के मुहाने के पास बैरिकेडिंग कर दी है और वहां पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। इस बीच, दिल्ली से एयरलिफ्ट की गई एक अमेरिकी ऑगर मशीन बचाव अभियान में शामिल हो गई है। यह एक विशेष उपकरण है। उम्मीद है कि इस मशीन से 12 से 15 घंटे में 70 मीटर चट्टान काटी जा सकेगी। एक बरमा मशीन पांच मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से काम करती है।
कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया गया
टनल में वेल्डिंग का काम कर रहे एमडी रिजवान ने कहा कि टनल में फंसे श्रमिकों का संयम अब समाप्त हो रहा है और वे पूछ रहे हैं कि हमें कब बाहर निकालेंगे। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि रेस्क्यू पाइप बिछाने का काम चल रहा है। पाइप फंस गया तो सभी को बाहर निकाल दिया जायेगा। उन्होंने बोला कि बरमा मशीन ने काम करना प्रारम्भ कर दिया है। इस मशीन से ड्रिलिंग कर पाइप डाले जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ही सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
टनल में वेल्डिंग का काम कर रहे एमडी रिजवान ने कहा कि टनल में फंसे श्रमिकों का संयम अब समाप्त हो रहा है और वे पूछ रहे हैं कि हमें कब बाहर निकालेंगे। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि रेस्क्यू पाइप बिछाने का काम चल रहा है। पाइप फंस गया तो सभी को बाहर निकाल दिया जायेगा। उन्होंने बोला कि बरमा मशीन ने काम करना प्रारम्भ कर दिया है। इस मशीन से ड्रिलिंग कर पाइप डाले जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ही सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा।