उत्तराखण्ड

शहीद भुवन भट्ट की मां की ख्वाहिश को प्रशासन तो पूरा नहीं कर पाया लेकिन…

पिथौरागढ़ देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीद भुवन भट्ट की मां की ख्वाहिश को प्रशासन तो पूरा नहीं कर पाया लेकिन पूर्व सैनिक संगठन ने शहीद की मां की भावनाओं को समझते हुए उनकी इस ख़्वाहिश को पूरा किया, दरअसल सुवाकोट गांव निवासी अमर शहीद सिपाही भुवन चंद भट्ट 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे ऑपरेशन पराक्रम के दौरान 15 जनवरी 2002 को शहादत को प्राप्त हुए

उनकी माता कलावती देवी ने शहीद बेटे की स्मृति में एक द्वार निर्माण को लेकर कई बार शासन- प्रशासन से गुहार लगाई उनकी इस मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो पिथौरागढ़ के पूर्व सैनिक संगठन ने शहीद की मां की इस ख़्वाहिश को पूर्ण करने की बात कही और शहीद को सम्मान दिलाने की संगठन की पहल एक मुहिम बन गई

इसके बाद पिथौरागढ़ ही नहीं बल्कि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि अन्य क्षेत्रों से भी पूर्व सैनिकों ने भी आर्थिक योगदान दिया और आज वड्डा से सुवाकोट जाने वाले रास्ते पर शहीद भुवन भट्ट स्मृति द्वार बनकर तैयार हो गया है पूर्व सैनिक संगठन के उपाध्यक्ष मयूख भट्ट ने जानकारी देते हुए कहा कि अमर शहीद भुवन भट्ट की मां ने उनके जाने के बाद उनके बेटे को सम्मान मिलने की बात कही थी जिसके लिए प्रशासन से स्मृति द्वार के निर्माण के लिए सहायता मांगी गई जिसमें जिला पंचायत ने इसे बनाने की बात कही और कुछ समय बाद ही इसका काम रोक दिया गया जिसे फिर पूर्व सैनिक संगठन के आपसी योगदान से पूरा किया गया

सुवाकोट मार्ग पर शहीद की स्मृति में गेट बनने के बाद अनेक क्षेत्रीय लोगों में खुशी का मौहाल है सुवाकोट के ही एक्स आर्मी सर्विस मैन दीवान सिंह ने बोला कि प्रशासन को आईना दिखाते हुए पूर्व सैनिक संगठन के योगदान से शहीद के परिवार की ख़्वाहिश को पूरा किया गया है उन्होंने बोला कि सैनिक यदि ठान ले तो वह कुछ भी कर सकता है

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