इस चमत्कारी गुफा में कई छोटे-छोटे शिवलिंग हैं जो हुए स्वयं ही उत्पन्न
देहरादून: विश्व मशहूर पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा अपने आप में एक एतिहासिक पर्यटन स्थल है. वैसे तो यहां पर कई गुफाएं हैं, लेकिन इन सबमें सबसे मुख्य और प्राचीन द्रोण गुफा है. इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. यह गुफा एक शिव मंदिर के अंदर है, गुरु द्रोणाचार्य ने यहां तपस्या की थी. जिसके कारण इस मंदिर का नाम द्रोण गुफा शिव मंदिर पड़ा. गुफा में कई छोटे-छोटे शिवलिंग हैं जो स्वयं ही उत्पन्न हुए हैं. साथ ही गणेश जी और नंदी महाराज की आकृति भी स्वयं पत्थरों पर उकरी हुई नजर आ रही है. असल में जिस मशहूर पर्यटक स्थल को टूरिस्ट दूर दूर से देखने आते है वह कहीं और नहीं बल्कि इसी गुफा गया है.
मीडिया से वार्ता करते हुए रविंद्र कोठियाल बताते हैं कि इस गुफा का इतिहास महाभारत काल के समय का है यहां पर कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य जी ने तप किया था. गुफा के अंदर लगातार हजारों जल की धाराएं शिवलिंगों पर गिरती रहती हैं. द्रोण गुफा बहुत अधिक चमत्कारी गुफा है इसमें छोटे छोटे कई शिवलिंग स्वयं प्रकट हो रहे हैं. वहीं गुफा की दीवारों पर नंदी महाराज और गणेश जी की आकृति भी स्वयं रुप लेती हुई प्रतीत होती है. वह कहते हैं कि गुरु द्रोण के नाम पर ही देहरादून का प्राचीन नाम द्रोणनगरी के रूप में जाना जाता है. देशभर के पर्यटक हर वर्ष लाखों की संख्या में द्रोण गुफा के दर्शन करने आते हैं. भक्त यहां पर अपनी मनोकामनाएं भी लेकर आते हैं और गुफा में आकर चुन्नी भी बांधते हैं. भक्तों की ऐसी आस्था है कि सच्चे मन से मन्नत मांगने से उनकी मुराद पूरी होती है.
कैसे पहुंचें सहस्त्रधारा द्रोण गुफा में
सहस्त्रधारा एक विश्व मशहूर पर्यटक स्थल है, यहां पहुंचने के बहुत से रास्ते हैं. देहरादून शहर से इसकी दूरी मात्र 16 किलोमीटर की है. नज़दीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से आप प्राइवेट कैब या टैक्सी से सहस्त्रधारा पहुंच सकते हैं. एयरपोर्ट से इसकी दूरी तकरीबन 31 किलोमीटर है. नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है. रेलवे स्टेशन से आप सिटी बस सेवा का प्रयोग कर सीधा सहस्त्रधारा पहुंच सकते हैं. रेलवे स्टेशन से इस स्पॉट की दूरी तकरीबन 16 किलोमीटर है और हर 15 से 20 मिनट में आपको सिटी बस मिल जाएगी.नजदीकी बस स्टैंड आई.एस.बी.टी. देहरादून है. यहां से भी आपको सिटी बस की सेवा मिल जाएगी.