उत्तराखंड में इस बार फिलहाल घने कोहरे के आसार नहीं,विंटर रेन काफी कम
उत्तराखंड , मौसम पर जलवायु बदलाव का लगातार असर दिखाई दे रहा है। सर्दियों में जहां बारिश नाममात्र की हो रही है, वहीं अब कोहरे की स्थितियां भी नहीं बन रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, घने कोहरे के आसार नहीं हैं। इससे गेंहू समेत अन्य फसलों पर असर पड़ सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डाक्टर बिक्रम सिंह के मुताबिक, विंटर रेन काफी कम है। पश्चिमी विक्षोभ उतनी मजबूती से असर नहीं दिखा पा रहा है। इसी वजह से बारिश नहीं हुई है। बारिश न होने की वजह से नमी नहीं बन पा रही है और जलवाष्प की मात्रा स्थिर नहीं होने से कोहरा नहीं बन पा रहा है। तापमान में कमी से आर्द्रता का फीसदी वातावरण में बढ़ जाएगा तो कोहरे की स्थिति बन जाएगी। जलाशय और तालाबों के आसपास के कोहरे से अधिक फायदा नहीं होता है। मौसम निदेशक डाक्टर बिक्रम सिंह ने कहा कि कोहरा कई प्रकार का होता है। धुंध (कोहरा) द्रव्य हालत में होता है। कोहरा-कुहासा दोनों हवा के निलंबित कणों पर जल की सूक्ष्म बूंदों से बनते हैं।
फसलों को हो सकती है क्षति, ऐसे करें बचाव
निदेशक डाक्टर बिक्रम सिंह ने कहा कि पाला फसलों की कोशिकाओं को क्षति पहुंचाता है। कीट एवं रोगों के आक्रमण की आसार होती है। बर्फ के जमाव से सड़कों पर फिसलन हो जाती है। रात एवं सुबह के समय ठंड बढ़ सकती है। पौधों को ठंड के कारण हानि से बचाने को लगातार सिंचाई करते रहें। सुबह शीघ्र और देर रात गाड़ी चलाने से बचें।
ग्यारह जिलों में दो दिन पाला पड़ने का येलो अलर्ट
उत्तराखंड के 11 जिलों में दो दिन पाला पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, यूएसनगर एवं हरिद्वार में हल्के कोहरे की आसार जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डाक्टर बिक्रम सिंह ने कहा हरिद्वार एवं यूएसनगर को छोड़कर बाकी जिलों में पाला पड़ने की चेतावनी दी गई है। लोगों से एहतियात बरतने को बोला गया है। सभी जिलों को इससे अवगत कराया गया है।
मैदानी जिलों में बारिश की आसार नहीं
मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में अभी बारिश के आसार नहीं हैं। निदेशक डाक्टर बिक्रम सिंह के अनुसार मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहेगा। पहाड़ी इलाकों से आने वाली ठंडी हवाओं से एक दो दिन तापमान गिरेगा, उसके बाद तापमान बढ़ेगा।