उत्तराखण्ड

इस प्रकार मिलेगी कालसर्प से मुक्ति,हरिद्वार के धर्माचार्य से जानें पूजा विधि

हरिद्वार यदि आप कालसर्प गुनाह से मुक्ति पाना चाहते हैं तो हरिद्वार में आपको कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिल जाएगी हरिद्वार हिंदुओ की आस्था का केंद्र है, जहां देवी-देवताओं और मशहूर सिद्धपीठ हैं हरिद्वार के चारों ओर ईश्वर शिव के प्राचीन मंदिर स्थित हैं हरिद्वार को ईश्वर शिव की नगरी भी बोला जाता है यहां कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिलने की मान्यता है हरिद्वार में कालसर्प गुनाह से मुक्ति पाने के लिए जहां हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर में बागो वाले देवता बागेश्वर महाराज का प्राचीन मंदिर है तो वहीं विश्व मशहूर तीर्थ स्थल हरिद्वार के कुंभ नगरी हरिद्वार में कालसर्प गुनाह के तरीका करने से मुक्ति मिलने की मान्यता भी है

भगवान शिव के प्राचीन मंदिर में उनका रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और सर्प का जोड़ा दान करने से कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिल जाती है इसकी जानकारी के लिए हमने वेदों पुराणों के जानकार हिंदू धर्माचार्य वासुदेव मिश्र से वार्ता की वह बताते हैं कि कालसर्प गुनाह से मुक्ति पाने के लिए हरिद्वार में स्थित नाग देवता के मंदिर में पूजा पाठ करने से इस गुनाह से मुक्ति मिल जाती है वही योग्य ब्राह्मण से ईश्वर भोलेनाथ का रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और कालसर्प गुनाह के लिए पूजा पाठ करवाएं, जिससे कालसर्प गुनाह से छुटकारा मिल जाएगा सभी नाग ईश्वर शिव के अधीन होते हैं यही वजह है कि शिव की अराधना से कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिलती है


इस प्रकार मिलेगी कालसर्प से मुक्ति
वह बताते हैं कि धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा किनारे नाग गायत्री जप, कालसर्प गुनाह की शांति के लिए पूजा अर्चना और नव ग्रह शांति के लिए राहु केतु शांति की पूजा-पाठ करवाने से आदमी को विशेष फायदा प्राप्त होगा वह बताते हैं कि नाग के दो जोड़े ले, नाग देवता का ध्यान करते हुए मन ही मन कहे कि हे नाग देवता मेरी कुंडली में जो कालसर्प योग बना हुआ है उसमे शांति हो इसके बाद सर्प का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाएं तथा दूसरा गंगा में प्रवाहित कर दें  इस तरह कुंडली में बने काल सर्प योग से छुटकारा मिलेगा

 

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