आगरा में 9 साल पहले हुए हत्याकांड का तोते ने किया पर्दाफाश

आगरा में 9 वर्ष पहले हुए हत्याकांड का तोते ने पर्दाफाश कर दिया. गुरुवार को तोते की गवाही पर जज ने दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई.
दरसअल, 9 वर्ष पहले एक अखबार के संपादक की पत्नी की मर्डर कर दी गई थी. आरोपियों ने घर में लूटपाट की थी. इतना ही नहीं, पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते को भी मार डाला था. ये पूरी घटना तोते ने अपनी आंखों से देखी थी.
चूंकि एक हत्यारोपी मृतक स्त्री का भांजा था. वह अक्सर उनके घर आता-जाता रहता था. परिजनों ने जब हत्यारोपी का नाम तोते के सामने लिया, तो वो उसका नाम लेकर चिल्लाने लगा. जबकि अन्य लोगों का नाम लेने पर शांत रहा. इसके बाद पुलिस ने कठोरता से पूछताछ की, तो आरोपी ने अपना अपराध कबूल किया. इन सारे सबूतों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया. इसके बाद जज ने दोषियों को सजा सुनाई.
यह फोटो मृतक स्त्री की है.
गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए थे
आगरा के एक अखबार के संपादक विजय शर्मा परिवार के संग 21 फरवरी 2014 को फिरोजाबाद जिले में विवाह कार्यक्रम में गए थे. उनकी पत्नी नीलम को घर पर अकेली थीं. रात में लुटेरों ने घर पर घुसकर उनकी मर्डर कर दी. उसके बाद गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए. पुलिस ने अज्ञात पर मर्डर का मुकदमा दर्ज कर मुद्दे की जांच प्रारम्भ कर दी थी.
परिजनों के मुताबिक, संपादक विजय शर्मा के घर में एक पालतू तोता भी था. घटना के बाद से तोता उदास रहने लगा. घर वालों को संदेह हुआ तो उन्होंने तोते के सामने कई लोगों का नाम लेना प्रारम्भ किया. जैसे ही उन्होंने विजय शर्मा के संबंध के भांजे आशुतोष गोस्वामी उर्फ आशु का नाम लिया तो तोता जोर-जोर से चिल्लाने लगा. परिजनों ने मुद्दे की सूचना पुलिस को दी.
यह फोटो हत्यारोपी की है.
आरोपी के शरीर पर मिले कुत्ते के काटने के निशान
पुलिस ने आशू को अरैस्ट कर पूछताछ प्रारम्भ की. जांच में पुलिस को आशु के शरीर पर कुत्ते के काटने और चोट लगने के निशान मिले. जब उससे कठोरता से पूछताछ की गई तो उसने अपने दोस्त रोनी मेस्सी के साथ मिलकर नीलम शर्मा की मर्डर की बात स्वीकार की.
पिछले 9 वर्ष से इस मुद्दे को जिला अभियोजन की ओर से मजबूत तरह से न्यायालय में रखा जा रहा था. वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा की गई दलील और सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश, दस्यु प्रभावित क्षेत्र, अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन मोहम्मद राशिद ने आरोपियों को दोषी मानते हुए जीवन भर जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई.
हत्यारोपी को बेटे की तरह मानती थी महिला
वहीं इस मुद्दे में जिला अभियोजन कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान महेंद्र दीक्षित ने बताया कि जिस आशुतोष गोस्वामी को नीलम अपने बेटे की तरह मानती थीं, उसी ने उनकी मर्डर कर दी. बताया कि मृतका नीलम का केवल एक बेटा था. वह मानसिक विक्षिप्त था. वहीं आरोपी आशुतोष की कुछ गलत आदतों को देखकर उसके घर आने पर रोक भी लगा दी गई थी, जिस कारण वह नाराज चल रहा था.