पाकिस्तान में 2,000 साल पुराने सिक्कों का खोजा गया एक अत्यंत दुर्लभ भंडार
लाइफस्टाईल न्यूज डेस्क।। पाकिस्तान में 2,000 वर्ष पुराने सिक्कों का एक अत्यंत दुर्लभ भंडार खोजा गया है, जिसने मोहनजो-दारो के प्राचीन स्थल पर एक बौद्ध मंदिर के खंडहरों को देखकर पुरातत्वविदों को आश्चर्यचकित कर दिया है। जो सिक्के मिले हैं वे तांबे के हैं, जो कुषाण साम्राज्य के काल के बताए जा रहे हैं। कुषाण साम्राज्य के दौरान बौद्ध धर्म व्यापक रूप से फैला। बौद्ध मंदिर को स्तूप भी बोला जाता है।
लाइवसाइंस की रिपोर्ट के अनुसार, बौद्ध मंदिर जहां सिक्के पाए गए थे, अब मोहनजोदड़ो के विशाल खंडहरों के बीच दक्षिण-पूर्व पाक में स्थित है, जो लगभग 2600 ईसा पूर्व का है। पुरातत्वविद् और मार्गदर्शक शेख जावेद अली सिंधी ने कहा, ‘मोहनजोदड़ो के पतन के लगभग 1600 वर्ष बाद इसके खंडहरों पर एक स्तूप बनाया गया था।’
मोहनजोदड़ो में दीवार गिरने के बाद खुदाई के दौरान सिक्के एकत्र करने वाली टीम में शेख जावेद अली सिंधी भी शामिल थे। पुरातत्व निदेशक सैयद शाकिर शाह के नेतृत्व में मोहनजोदड़ो स्थल पर उत्खनन कार्य किया गया। सिंधी ने कहा, सिक्कों को अब पुरातात्विक प्रयोगशाला में सावधानीपूर्वक साफ किया जाएगा।
कितने सिक्के मिले और कैसे?
कुषाण काल के ये सिक्के हरे रंग के हैं क्योंकि हवा के संपर्क में आने पर तांबा खराब हो जाता है। सदियों से दफनाए जाने के कारण सिक्के एक गोल ढेर में बदल गए हैं, जिनका वजन लगभग 5.5 किलोग्राम है, लेकिन कुछ सिक्के अलग से पाए गए हैं। सिंधी ने बोला कि पाए गए सिक्कों की संख्या संभवतः 1,000 से 1,500 थी। उन्होंने बोला कि भंडार के कुछ बाहरी सिक्कों पर खड़ी आकृतियाँ हैं, जिनके बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि वे कुषाण राजाओं के हो सकते हैं।
सिंधी ने बोला कि ये सिक्के 1931 के बाद से स्तूप के खंडहरों से खोदी गई पहली कलाकृतियां हैं। जबकि ब्रिटिश पुरातत्वविद् अर्नेस्ट मैके को वहां 1,000 से अधिक तांबे के सिक्के मिले। अन्य सिक्के 1920 के दशक में स्तूप में पाए गए थे।