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पीजीआई चंडीगढ़ में 15 साल का एक किशोर आस्टियोपोरोसिस से है पीड़ित, जिसे देख डॉक्टर्स हैरान

लाइव हिंदी समाचार :- आज हम आपको एक ऐसे बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके शरीर को देखकर सिर्फ़ आम आदमी ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स भी दंग है इस किशोर का नाम बलजिंदर है और वो चंडीगढ़ का रहने वाला है और एक बहुत ही दुर्लभ रोग से पीड़ित है पीजीआई चंडीगढ़ में ये मुकदमा आते ही डॉक्टर्स परेशान हो गए दरअसल 15 वर्ष का ये किशोर आस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है

डॉक्टर्स का इस रोग के बारे में बोलना है कि 45 साल के कम उम्र के लोगों में इस रोग का पाया जाना काफी दुर्लभ है पूरी दुनिया में ऐसे 3—4 ही मुकदमा होंगे जहां इस उम्र के बच्चे को ये रोग है इस मुकदमा को पीजीआई की डा अभिलाषा गर्ग आस्टियोपोरोसिस की कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया और बोला कि बलजिंदर जब 12 वर्ष का था तब उसके बाजू में फ्रैक्चर हो गया था उसके अगले ही वर्ष उसके हाथ में भी फ्रैक्चर हो गया

इसके बाद उसके बैक में पेन होना प्रारम्भ हो गया एक के बाद एक इस तरह के हादसे का शिकार होता देख उसके परिवारवाले उसे आरथोपीडिक्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए लेकर आए जहां से जांच के बाद उसे चंडीगढ़ के पीजीआई के इंडोक्राइनोलाजी डिपार्टमेंट में रेफर कर दिया गया वहां कई जांच हुए जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि बलजिंदर आस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त है

डॉक्टर्स का इस बारे में बोलना है कि इसी के चलते बलजिंदर बाकी बच्चों की तरह खेल नहीं पाता है विद्यालय में होने वाले प्रार्थना सभा में भी वो अधिक देर तक खड़ा नहीं रह पाता है वर्ष 2015 तक बलजिंदर को कैल्शियम, विटामिन डी और बिस्फास्पोमेट की दवा दी गई जिसके कई साइड इफेक्ट थे इसके बाद उसे ग्रोथ हार्मोन की थेरेपी दी गई जिससे उसमें थोड़ा परिवर्तन आया हांलाकि इस साइलेंट डिजीज का उपचार अभी काफी लंबा चलेगा बता दें जब शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती है तो उस हालत को आस्टियोपोरोसिस बोला जाता है इस रोग में हड्डियों का बोन मास कम हो जाता है और वो भंगूर हो जाती है

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