गूगल सॉफ्टवेयर की भविष्यवाणी,इन चार तरीकों से खत्म हो सकती है दुनिया
दुनिया का निर्माण लाखों-करोड़ों वर्षों में हुआ है। इसके पीछे की हर घटना का एक कारण होता है। साइंस, प्रकृति और जाने क्या-क्या इस दुनिया को चलाते हैं। कुछ का मानना है कि दुनिया को ईश्वर ने बनाया है तो कुछ इस ईश्वर को साइंस कहते हैं। दुनिया में हर सेकंड कोई ना कोई परिवर्तन होता रहता है। इन बदलावों को काफी बारीकी से कई साइंटिस्ट्स ऑब्जर्व करते हैं। इसका ख़ास कारण है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक़, आदमी ने धरती को इतना टॉर्चर किया है कि जल्द ही ये अपना बदला ले सकती है।
प्रकृति के बदला लेने के ढंग के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। इसी वजह से हर एक मूवमेंट पर नजर रखी जाती है। कहते हैं कि दुनिया में करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर थे। इस समय आसमान से उल्कापिंडों की बौछार हुई और पूरी धरती से डायनासोर का सफाया हो गया। उसी तरह एक धरती पर तबाही आ सकती है। कई सभ्यताओं और कई भविष्यकर्ताओं ने दुनिया के खात्मे की डेट से लेकर उपायों का भी जिक्र किया है। लेकिन अभी तक किसी भी भविष्यवाणी को सच होते नहीं देखा गया है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया के समाप्त होने के चार उपायों की भविष्यवाणी की है।
गूगल सॉफ्टवेयर की भविष्यवाणी
गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर बार्ड ने दुनिया समाप्त होने को लेकर कुछ भविष्यवाणियां की हैं। डेली स्टार ने इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अपडेटेड वर्जन से जब पूछा कि दुनिया समाप्त कैसे होगी, तो उसने कुछ दंग करने वाले उपायों के बारे में बताया। बार्ड ने चार उपायों का खुलासा किया, जिससे दुनिया समाप्त हो सकती है। हालांकि बार्ड ने ये क्लियर कर दिया कि इसके बाद धरती फिर से फलेगी और फूलेगी। आदमी के ही हाथ में है कि वो धरती को कैसे ट्रीट करता है।
चार उपायों से समाप्त हो सकती है दुनिया
बताए ये चार तरीके
दुनिया के समाप्त होने के उपायों के बारे में बार्ड ने बोला कि न्यूक्लियर वॉर के जरिये दुनिया के समाप्त होने की आसार सबसे अधिक है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी दुनिया तबाह हो सकती है। इसमें उल्कापिंड के गिरने की आसार जताई गई। तीसरे कारण को लेकर बार्ड ने कहा कि अचानक ही धरती का मौसम बदल जाएगा। ऐसा मौसम हो जाएगा कि इंसानों का धरती पर रह पाना नामुमकिन हो जाएगा। इससे भी दुनिया तबाह हो सकती है। हालांकि, जब बार्ड ने चौथा कारण कहा तो सब दंग रह गए। चौथे कारण के तौर पर बार्ड ने अपना यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही नाम लिया। उसने बोला कि एक दिन एआई इतना एडवांस हो जाएगा कि वो धरती से इंसानों का नामोनिशान मिटा देगा। ये सुनने के बाद लोग भी दंग रह गए।