कुल्फी वाले का बर्फ में नमक मिलाना मिलावट नहीं है बल्कि ये है वैज्ञानिक कारण
Why does the kulfi seller add salt to the ice?: सोशल साइट कोरा (Quora) पर अक्सर लोग कुछ ऐसे प्रश्न पूछते हैं, जिनका उत्तर बहुत कम लोगों को ही पता होता है। हालांकि, उन सभी प्रश्नों के उत्तर इस प्लेटफॉर्म पर जुड़े यूजर्स ही देते हैं। यहां ऐसा ही एक प्रश्न पूछा गया है कि ‘कुल्फी वाला बर्फ में नमक क्यों मिलाता है, मिलावट है या साइंस की ट्रिक?’। जिसका उत्तर अनिमेष कुमार सिन्हा, सुरेंद्र वर्मा और रामपाल नागी नाम के कोरा यूजर्स ने दिया है। जिन्हें पढ़कर पता चलता है कि कुल्फी वाले का बर्फ में नमक मिलाना मिलावट नहीं है बल्कि ऐसा करने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं।
फ्रीजिंग प्वॉइंट को कम करना
अनिमेष कुमार सिन्हा कोरा पर लिखते हैं कि ‘कुल्फी वाले का बर्फ से भरे मटके में नमक को मिलाना मिलावट नहीं है। ऐसा किए जाने का वैज्ञानिक आधार है। मटके में डाले गए बर्फ के टुकड़ों के साथ नमक मिलाकर एक घोल बनाया जाता है, जिसका फ्रीजिंग प्वॉइंट जीरो डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे होता है। यह तापमान -18° से लेकर -21° नीचे तक लुढ़क सकता है, जो तकरीबन डीप फ्रीजर के बराबर है। जब कुल्फी मिश्रण से भरी हुई डिब्बियां इस घोल में डाली जाती हैं, तो वह सरलता से जम पाती हैं।’
बहुत तेजी से जम पाती है कुल्फी
अनिमेष आगे लिखते हैं कि, ‘मटके में बर्फ के टुकड़ों के साथ नमक मिलाने से बने घोल का तापमान तेजी से माइनस में लुढ़कता है, जिससे मटके में रखी हुईं कुल्फी के मिश्रण से भरी हुई डिब्बियां अधिक तेजी से जम पाती हैं। हालांकि यहां एक बात ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि बर्फ के टुकड़ों के साथ एक सीमा तक नमक मिला जाए, अधिक नमक मिलने पर वह बने घोल के साथ मिलेगा नहीं।’
वहीं, सुरेंद्र वर्मा नाम के कोरा यूजर लिखते हैं कि ‘कुल्फी बनाते समय बर्फ में नमक मिलाने से कम तापमान वाला वातावरण बनता है, जिससे जमने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और परिणामस्वरूप इससे कुल्फी शीघ्र जमती है।’ बता दें कि कुल्फी एक पॉपुलर भारतीय आइसक्रीम है। इसकी बनावट सघन और मलाईदार होती है। यह टेक्निक सिर्फ़ कुल्फी बनाने के लिए ही नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल आमतौर पर आइसक्रीम और अन्य जमे हुए व्यंजनों के उत्पादन में भी किया जाता है।