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अभी भी दुनिया के बहुत बड़े हिस्सों से अनजान है इंसान, सवाल- “कितना बड़ा है ब्रह्माण्ड?”

जब भी हम दुनिया की बात करते हैं तो हमारा संदर्भ धरती से ही होता है धरती ही इतनी बड़ी है कि आदमी को अभी तक पूरी तरह उसके बारे में ही जानकारी नहीं है, तो सोचिए कि ये पूरा ब्रह्मांड (How big is universe) कितना बड़ा होगा! क्या आपने कभी सोचा है कि ये दुनिया कितनी बड़ी है और आदमी को इस दुनिया के बारे में कितनी जानकारी है? यदि नहीं, तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं

देश-दुनिया से जुड़ी ऐसी रोचक जानकारियां जिनके बारे में जानकर हर कोई दंग हो जाता है आज हम बात करेंगे हमारे ब्रह्मांड के साइज (start and end of universe) की दरअसल, हाल ही में किसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर प्रश्न किया है- “ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है?” प्रश्न काफी रोचक है, तो हमने सोचा कि आपको इसका ठीक उत्तर कहा जाए, पर उससे पहले देखते हैं कि लोगों ने कोरा पर इसका क्या उत्तर दिया है कोरा एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, इस वजह से यहां दिए गए जवाबों के ठीक होने का दावा हम नहीं कर सकते ऐसे में हम आपको विश्वस्नीय सोर्सेज से भी इस प्रश्न का उत्तर देंगे

कोरा पर लोगों ने क्या दिया जवाब?
वज्र बिहारी दास नाम के यूजर ने कहा- “इस समस्त चराचर जगत् ब्रह्माण्ड का व्यास फ़ैलाव 71 Quadrillion 715 Trillion 715 Billion किलोमीटर अर्थात् 44 Quadrillion 444 Trillion 444 Billion मील का है जो इसे इस अनंत उत्पत्ति प्रक्रिया में सर्वाधिक लघु ब्रह्माण्ड बनाती है यह दृश्यमय ब्रह्माण्ड अबतक का रचा गया सर्वाधिक छोटा ब्रह्माण्ड है ऐसे सैकड़ों, हज़ारों, लक्षों (लाख़ों), कोटियों (करोड़ों) ब्रह्माण्ड उस अनंत कार्णोदकशायी महासागर (कार्णार्णव) में अटलांटिक के बुलबुलों की भांति तैर रहे हैं आधुनिक विज्ञान अभी वेदांतवाणी के महाविज्ञान से लक्षों योजन पीछे कार्यान्वित है लिहाज़ा इस ब्रह्माण्डीय महाविज्ञान को भलीभाँति समझने में उसे अभी काफ़ी वक़्त लगेगा” रवि जादौन ने कहा- “ब्रह्माण्ड केवल एक भ्रम है, उसकी विशालता का अनुमान लगाना संभव नहीं है” शुभम शेखर ने कहा- “हमारी और आपकी कल्पना से कहीं ज़्यादा बड़ा है यह ब्रह्माण्ड

क्या है यूनिवर्स?
ये तो लोगों की राय है, जिसमें कुछ लोगों की राय काफी हद तक ठीक भी है, पर चलिए देखते हैं कि विश्वस्नीय सोर्सेज का इसके बारे में क्या बोलना है नासा के मुताबिक यूनिवर्स सब कुछ है, उसमें स्पेस है, मैटर है, ऊर्जा है, लाइट है, ग्रह हैं, आप हैं और छोटे से छोटे कण भी हैं इस संसार में अनगिनत दुनिया हो सकती है, जिसे मल्टीवर्स कहते हैं उसी प्रकार एक यूनिवर्स में लाखों गैलेक्सी हो सकती हैं हमारी गैलेक्सी का नाम है मिल्की वे उसमें हमारा एक सोलर सिस्टम है, पर ऐसे हजारों सोलर सिस्टम और भी हो सकते हैं ऐसे में यूनिवर्स कितना बड़ा है, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता बिग थिंक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक धरती पर रहने वाले हम इंसानों ने अभी दुनिया के बारे में केवल 5 प्रतिशत चीजें जानी हैं, अभी भी 95 प्रतिशत चीजों को जानना बाकी है ब्रह्मांड का ना ही आदि है, ना अंत है

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