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मार्केट में आया नया स्कैम ,बस फोन नंबर ट्रांसफर करके कर देंगे आपका बैंक अकाउंट खाली

सोशल मीडिया एकाउंट डाउनलोड हो गया अब उन्होंने कहा कि उनका एकाउंट कैसे हैक हुआ था दरअसल, किसी ने उनका सिम कार्ड चुरा लिया और फिर उसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया साथ ही यह भी कहा गया कि उस समय उनका एकाउंट स्पेशल सिक्योरिटी (एमएफए) पर नहीं था, जिसकी वजह से इसे अधिक सरलता से हैक किया जा सकता थाएसईसी ने अपने बयान में कहा, ‘यह पता चला है कि एक अज्ञात आदमी ने सोशल मीडिया के माध्यम से एसईसी से जुड़े एक मोबाइल नंबर पर ‘सिम स्वैपिंग’ हमले के माध्यम से खाता प्राप्त किया था

इस हैकिंग तकनीक को एक आम फर्जीवाड़ा के रूप में जाना जाता है, जिसमें ग्राहक सेवा विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को नए उपकरणों पर टेलीफोन नंबर लगाने के लिए भर्ती किया जाता है

हैकरों ने एसईसी के व्यवसाय पर कब्ज़ा करने के लिए फर्जीवाड़ा से उसके सोशल मीडिया खातों पर कब्ज़ा कर लिया और वैज्ञानिकों का दावा है कि सलाहकार ईटीएफ को स्वीकृति दे दी गई है इस हमले के बाद अब SEC की संपत्ति सुरक्षा पर प्रश्न खड़े हो गए हैं आम तौर पर, सरकारी सोशल मीडिया खातों में मल्टीपल सिक्योरिटी (एमएफए) सक्षम होना चाहिए @SECGov एक हाई-प्रोफाइल एकाउंट है, जो बाजार को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए इस एकाउंट के एक से अधिक सिक्योरिटी न होने पर अमेरिकी कांग्रेस पार्टी ने भी प्रश्न उठाए हैं

एसईसी ने कहा कि पिछले जुलाई में उन्हें अपने खाते को लिंक करने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के सपोर्ट स्टाफ से खाते की अतिरिक्त सुरक्षा (एमएफए) हटाने के लिए बोला था बाद में, जब खाता बहाल किया गया, तब भी एमएफए एक्टिव नहीं हुआ फिर 9 जनवरी को अकाउंटिंग हैक हो गई, तभी रिटेल एमएफएम की आरंभ हुई

एमएफए अब सभी एसईसी सोशल मीडिया खातों पर सक्षम है एमएफए की कमी के कारण हैकर्स के लिए एसईसी एकाउंट बनाना सरल हो गया होगा लेकिन, यह विभाग अभी तक यह नहीं बता पाया है कि हैकर्स को यह कैसे पता चला कि किस टेलीफोन पर एक्स एकाउंट खोला गया है

यह अभी तक साफ नहीं है कि फर्जीवाड़ा करने वाली दूरसंचार कंपनी को एसईसी के मोबाइल नंबर पर दूसरा सिम कार्ड स्थानांतरित करने के लिए कैसे राजी किया गया एसईसी ने बोला कि पूरे मुद्दे की जांच चल रही है, जिसमें अमेरिकी इन्साफ विभाग, एफबीआई, होमलैंड इंटेलिजेंस और उनके अपने महानिरीक्षक भी शामिल हैं

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