नेग में रुपये न मिलने पर किन्नरो ने एक परिवार की पालतू बिल्ली को ले गये उठाकर
इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है यहाँ नेग के रुपये न मिलने पर किन्नर एक परिवार की पालतू बिल्ली ही उठाकर ले गए। पर्शियन प्रजाति की इस बिल्ली को किन्नर की टोली द्वारा जबरिया ले जाने की कम्पलेन पीड़ित परिवार ने इंदौर के द्वारका नगर पुलिस स्टेशन में की है। मुद्दा द्वारकापुरी क्षेत्र का है। अमोघ गडकरी के घर में स्वयं को इंदौर के नंदलालपुरा के किन्नर बताकर नकली किन्नरों की टोली बच्ची के जन्म की शुभकामना की राशि लेने पहुंची थी। दोपहर में सूना घर देखकर टोली जबरदस्ती घर में घुस गई। तत्पश्चात, उन्होंने नाच-गाना प्रारम्भ करके गडकरी परिवार से बच्ची के जन्म के शुभकामना के तौर पर 51 हजार रुपये की मांग की।
वही घर में इतनी धनराशि नकद नहीं होने की वजह से जब परिवार ने असमर्थता व्यक्त करते हुए ढाई हजार रुपए देने चाहे तो कल्पना पालक और बाल नामक किन्नर ने क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल से उनके एकाउंट में धनराशि ट्रांसफर करने की मांग की। जब इतनी धनराशि का व्यवस्था नहीं हो पाया तो किन्नर उस बच्ची को ही ले जाने लगे, जिसकी शुभकामना की धनराशि मांगने पहुंचे थे। उस वक़्त घर में परिवार का कोई भी पुरुष उपस्थित नहीं था। सभी महिलाएं ही थीं। गडकरी परिवार की स्त्रियों ने घबराकर किन्नर की टोली के हाथ-पैर जोड़े। मगर किन्नर कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हुए।
तत्पश्चात, किन्नरों ने बच्ची को जमीन में दफनाकर गुड्डा बनाने जैसा डर भी परिवार को दिखाया। मजबूर होकर घर की स्त्रियों ने जैसे-तैसे ₹21000 का व्यवस्था किया। घर से नीचे उतरते वक़्त किन्नर की टोली को पता चला कि घर में महंगी बिल्ली भी है, तो उन्होंने रुपए के बदले जेनी नाम की पर्शियन बिल्ली को ही उठाकर अपने पास रख लिया। इसके चलते गडकरी परिवार ने बिल्ली को छोड़ने की मांग की तो किन्नर का बोलना था कि “51000 रुपए पूरे दोगे तो बिल्ली मिल जाएगी। तत्पश्चात, परिवार की स्त्रियों ने पूरे मुद्दे की कम्पलेन द्वारका नगर पुलिस में की। उन्होंने कहा कि बिल्ली का रेट 15 हजार रुपये है। हालांकि, पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का बोलना है कि पीड़ित परिवार किन्नरों को नकली बता रहा है। इसे लेकर तहकीकात की जा रही है कि किन्नर वास्तविक थे या नकली।