आरा में एक महिला पिछले 3 सालों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कर रही मिसाल पेश
भोजपुर : बिहार के आरा में एक स्त्री पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिसाल पेश कर रही है। बिना किसी ताम-झाम के ये चुपचाप अपना काम करती हैं। ये पिछले 3 वर्षों से बिना किसी लालच के पौधा लगा रही हैं। ताकि पर्यावरण में जो परिवर्तन आ रहा है उसे बचाया जा सके।
एक ओर जहां भयंकर गर्मी के साथ लू की स्थिति बनी हुई है। लोगों को घर से बाहर निकलना भी कठिन हो गया है। आम जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। इन सब की परवाह किए बगैर आरा प्रखंड स्थित जगवालिया गांव की रहने वाले मंजू देवी लगातार पौधे लगा रही हैं। मंजू देवी ने 21 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
21 हजार पौधे लगाने का मंजू देवी ने रखा है लक्ष्य
जगवलिया गांव निवासी राजेश कुमार की पत्नी मंजू देवी ने 21 हजार पौधा लगाने का लक्ष्य रखा है। पिछले तीन वर्षों से 3 हजार से अधिक पौधे लगा चुकी है। मंजू देवी केवल पौधे लगाने का काम नहीं करती है बल्कि उसकी देखरेख भी करती है। मंजू देवी ने मीडिया को कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित हैं।
18 हजार पौधे लगाना बाकि हैं और लगाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के पीछे का एकमात्र उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण है। पौधा लगाने से हरियाली आएगी। लोगों को सही हवा के साथ छाया मिलेगा। पर्यावरण में जो परिवर्तन हो रहा है, इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं। इसी वजह से भयंकर गर्मी भी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने से कुछ तो सुधार होगा। इसलिए हरियाली को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहे हैं।
खर्च निकालने के लिए पति के योगदान से चलाती है नर्सरी
मंजू देवी ने मीडिया को कहा कि हरियाली को बढ़ाने की दिशा में निकल चुके हैं। इससे पीछे हटने का प्रश्न ही नहीं होता है। मंजू देवी ने कहा कि सड़क और नहर किनारें तो पौधे लगा ही रही हैं। साथ ही लोगों की ख़्वाहिश से निजी जमीन पर भी पौधरोपण कर रही हैं। यदि कोई पौधे मांगने आता है तो उन्हें मौजूद करा देती हैं।
मंजू देवी ने कहा कि पौधे लगाने में जो खर्च आता है, उसके लिए नर्सरी चलाती हैं। उन्होंने कहा कि जो पौधा लगाते हैं उसकी यदि खरीदारी करने जाएंगे तो महंगा पड़ेगा। इसलिए स्वयं नर्सरी में पति राकेश कुमार के योगदान से पौधे तैयार करते हैं। जो खर्च आता है पौधे बेचकर निकाल लेते हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा और अन्य सरकारी संस्थान को डिमांड मुताबिक थोक में पौधा तैयार कर देते है। उससे जो पैसा आता है उसी से निःशुल्क में पौधे लगाने के साथ घर का खर्च निकाल लेते हैं। ज्यादातर अमरूद, नींबू, आम, जामुन और कटहल के साथ लकड़ी के लिए नीम, ग्रीन सेम्बल, महोगिनी, अर्जुन और शीशम लगाते है।