खेत में लगा दिया इस नस्ल का भिंडी, एक दिन के अंतराल पर बेच रहे डेढ़ क्विंटल भिंडी
वैशाली:- घाटे का सौदा बनते जा रहे पारंपरिक खेती को छोड़कर कई किसान मजदूरी तक करने लगे हैं। लेकिन जिन किसानों ने खेती का पैटर्न बदल लिया, वे अब मालामाल हो रहे हैं। वैशाली जिले में भी कई किसान ऐसे हैं, जो पारंपरिक खेती को छोड़कर सब्जी, फल और फूलों की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छा-खासा मुनाफ हो रहा है। ऐसे ही एक युवा किसान अमरजीत पासवान हैं। अमरजीत मौसमी सब्जी की खेती करते हैं। इससे उन्हें हर सीजन में तीन से चार लाख का फायदा हो जाता है। इन दिनों उनकी खेत में भिंडी के पौधे लहलहा रहे हैं।
अमरजीत कुमार ने कावेरी नस्ल की भिंडी की खेती की है। वे मीडिया को बताते हैं कि इस नस्ल की भिंडी की कई विशेषता है। इस नस्ल की भिंडी के पौधे, अन्य भिंडी के पौधे की तरह नहीं बढ़ते हैं। इस नस्ल का पौधा छोटा होता है, लेकिन फलन अधिक होता है। अन्य नस्ल की भिंडी को यदि आप एक दिन भी लेट खेत से तोड़ेंगे, तो वह खराब हो जाएगा। लेकिन कावेरी नस्ल की भिंडी यदि दो दिन लेट भी खेत से तोड़ी जाए, तो वह ताजी ही रहती है। अभी उनके एक एकड़ खेत से एक-एक दिन के अंतराल पर डेढ़ क्विंटल भिंडी का फलन हो रहा है। वे बताते हैं कि भिंडी कि फसल में समय-समय पर सिंचाई और दवा के छिड़काव की आवश्यकता होती है।
एक सीजन में चार लाख तक की कमाई
युवा किसान अमरजीत पासवान ने local 18 को आगे कहा कि वह प्रारम्भ से ही खेती करते आ रहे हैं और यही उनका मुख्य पेशा है। लेकिन अब नगदी फसल करने में अधिक लाभ है। इसलिए कावेरी नस्ल की भिंडी की खेती किए हुए हैं। इसकी खेती फरवरी से जून तक की जाती है। इसके लिए फरवरी महीने में बीज लगाया जाता है। पौधा बड़ा होने के बाद इसमें फूल और फिर भिंडी का फलन होने लगता है। अब तो उनकी खेत में भी फलन होने लगा है। इन दिनों वे एक-एक दिन के अंतराल पर खेत से भिंडी तोड़ रहे हैं, जिसे क्षेत्रीय लालगंज मंडी में बेचते हैं। अभी इस भिंडी का दर 30 रुपए मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मौसम साथ दे, तो 4 महीने की खेती में 3 से 4 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।